झारखंड में लगा एक हफ्ते का लॉकडाउन… 22 से 29 अप्रैल तक सबकुछ बंद
झारखंड में 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक एक सप्ताह का लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक झारखंड में लॉकडाउन लगाया गया है। 22 अप्रैल सुबह छह बजे से लॉकडाउन शुरू हो जाएगा। 29 अप्रैल सुबह बजे तक लॉकडाउन रहेगा। झारखंड में कई रियायतों के साथ लॉकडाउन लगाया गया है। सीएम हेमंत सोरेन ने वीडियो जारी कर लॉकडाउन लगाने का औपचारिक एलान किया।
कोरोना से ताबड़तोड़ मौतें और लगातर बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वीडियो जारी कर लॉकडाउन लगाने का बड़ा एलान किया। झारखंड में 29 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया है। सीएम हेमंत सोरेन ने आज इसकी औपचारिक घोषणा की। इसे सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का नाम दिया है। उन्होंने आज मुख्य सचिव समेत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह अहम फैसला लिया। वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री हेमंत ने झारखंड में लॉकडाउन की घोषणा की।
झारखंड में इस तरह लगा लॉकडाउन
- राज्य में ग्रामीण विकास की सभी योजनाएं चलती रहेंगी
- प्रदेश में सभी प्रकार के निर्माण कार्य चलते रहेंगे
- राज्य में किराना दुकान खुली रहेंगी, आवश्यक सेवाएं भी बहाल रहेंगी
- होटल में बैठकर खाने की अनुमति नहीं होगी लेकिन होटल से घरों तक होम डिलीवरी होगी
- पूरे राज्य में धारा-144 लागू किया गया है। एक साथ पांच से अधिक आदमी दिखे तो कार्रवाई होगी
- राज्य में पशु चारा की ढुलाई और आवागमन पर रोक नहीं रहेगा
- आम आदमी को पुलिस रोकेगी तो सड़क पर निकलने का बाजिव कारण बताना होगा
- आपको सब्जी खरीदना हो, सामान पहुंचाना हो, कारण बताइए और परिचय दिखाइए तभी आगे बढ़ेंगे
- अगर आप दवा खरीदने निकले हैं, तो डॉक्टर का पर्चा दिखाइए
- सब्जी बाजार और गल्ले की दुकानों पर किसी सूरत में अधिक भीड़ नहीं लगने पाए
- राज्य में फल-फूल और सब्जियां बिकती रहेंगी
- प्रदेश के उद्योग-धंधे और इससे संबंधित सहयोगी इकाइयों पर फिलहाल रोक नहीं।
- औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाज सामान्य रूप से चलता रहेगा
- उद्योग घराने शारीरिक दूरी और सैनिटाइजेशन का प्रबंध करेंगे
- एक बार फिर गिफ्ट और कपड़ा की दुकानें, सिनेमा हॉल आदि बंद कर दी गई हैं।
बेकाबू हो रहे कोरोना संक्रमण और चौतरफा दबाव के बीच लॉकडाउन की पांबदियों काे लेकर सरकार के स्तर पर सोमवार को पूरे दिन गहन मंथन किया गया। दोपहर बाद 3 बजे तक राज्य में लॉकडाउन के तौर-तरीकाें और नई पाबंदियों का एलान सरकार के स्तर पर किया जा सकता है। इधर राज्य में बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर भाजपा, झामुमो, कांग्रेस और राजद ने भी झारखंड में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की मांग सीएम हेमंत सोरेन से की है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर रहे मुख्य सचिव सहित वरीय अफसरों संग बैठक, लाकडाउन लागू करने पर हो सकता है फैसला।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक झारखंड में संपूर्ण लॉकडाउन, वीकेंड लॉकडाउन, एक हफ्ते का लॉकडाउन, 10 दिनों का लॉकडाउन, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन लगाने और धारा-144 के साथ ही दिन-रात का कर्फ्यू राज्यभर में लगाने सरीखी अलग-अलग कई विकल्पों पर गंभीर चर्चा हो रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से राज्यों के स्तर पर लॉकडाउन के फैसले लिए जाने की हिदायत के बाद दिल्ली, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और यूपी समेत कई राज्यों में पहले ही अलग-अलग तरीके से लॉकडाउन लगाने का एलान किया गया है।
जबकि उत्तर प्रदेश में बीते दिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 5 शहरों में लॉकडाउन लगाने का आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को दिया। झारखंड में इससे पहले राजधानी रांची समेत राज्य के दूसरे जिलाें में कारोबारी सरकार का भरोसा छोड़ कोरोना वायरस संक्रमण का चेन तोड़ने के लिए खुद से ही सेल्फ लॉकडाउन लगा रहे हैं। अबतक प्रदेश के 10 जिलों में हजारें दुकानें बंद हो गई हैं।
बीते दिन झारखंड में सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, आइटीआइ, ट्रेनिंग सेंटर और आंगनबाड़ी केंद्रों को अगले आदेश तक बंद करने का एलान सीएम हेमंत सोरेन ने किया। तब मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए प्राथमिक स्तर पर कई निर्णय लिए हैं। जरूरी पड़ने पर विशेष परिस्थितियों में और कड़े फैसले लिए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड लोक सेवा आयोग की जेपीएससी परीक्षा, झारखंड एकेडमिक काउंसिल जैक की मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया। सीएम ने कहा कि आगामी महीनों में होने वाले सभी स्कूल एंट्रेस और संस्थागत परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है।
22 अप्रैल को पूरे राज्य में कोरोना का विशेष जांच अभियान
राज्य में कोरोना के अधिक से अधिक संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए 22 अप्रैल को विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में संभावित मरीजों की रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना की जांच की जाएगी। इसमें बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों, स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों, दुकानदारों, हाट-बाजारों में काम करनेवाले लोगों, बीमारों, बुजुर्गों आदि की कोरोना की जांच की जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के निदेशक रविशंकर शुक्ला ने इस संबंध में सभी उपायुक्तों को आदेश जारी कर दिया है।
उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि कोरोना जांच में दूसरे राज्यों से आनेवाले वृद्ध व्यक्तियों एवं कमजोर लोगों को प्राथमिकता दी जाए। रैपिड एंटीजन टेस्ट में लक्षण वाले लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर आरटी-पीसीआर या ट्रूनेट से जांच अनिवार्य रूप से की जाए। बता दें कि दूसरी लहर में रैपिड एंटीजन टेस्ट से जांच का यह पहला विशेष अभियान होगा। पहली लहर में संक्रमितों की पहचान में यह बहुत कारगर हुआ था, क्योंकि इसमें एक ही दिन में रिपोर्ट मिल रही थी। वर्तमान में अधिसंख्य जांच ट्रूनेट या आरटी-पीसीआर से ही जांच हो रही है। इसमें लगभग 37 हजार सैंपल जांच के लिए लंबित हैं। वर्तमान में 38 हजार से 40 हजार सैंपल की जांच प्रतिदिन हो रही है।
बड़ी संख्या में बेड की बढ़ेगी आवश्यकता
इधर, विशेष जांच अभियान में बड़ी संख्या में लोगों की कोरोना जांच होने से एक दिन में बड़ी संख्या में नए मरीजों की पहचान होने की संभावना है। इनमें बड़ी संख्या में मरीज गंभीर भी हो सकते हैं। ऐसे में 22 अप्रैल तक बड़ी संख्या में और बेड की आवश्यकता पड़ सकती है। इसकी व्यवस्था पहले से तैयार रखनी होगी। हालांकि अभियान निदेशक ने भी जांच में बड़ी संख्या में संक्रमित मिलने की संभावना देखते हुए सभी उपायुक्तों को अस्पतालों में बेड की समीक्षा करने को कहा है।