छपरा आइसोलेशन वार्ड से फरार हुए 19 बाल बंदी, शहर से गांव तक हड़कंप
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क
बिहार में कोरोना की दहशत किस कदर है उसे छपरा मे घटी घटना से समझा जा सकता है. छपरा सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से सोमवार की रात 19 बाल बंदी खिड़की का ग्रील तोड़ कर फरार हो गये. इनमें से एक को मुहल्लावासियों के सहयोग से पकड़ लिया गया.
सीवान और गोपालगंज से आकर बाल सुधार गृह में रह रहे 38 बाल बंदियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है. इसी दौरान इन बंदियों में से 19 बंदी आइसोलेशन सेंटर से भाग गये. सूचना मिलने के बाद आइसोलेशन वार्ड के निरीक्षण के लिए पहुंचे एसपी संतोष कुमार ने बताया कि कुछ कोरोना मरीजों के भागने की सूचना मिली थी.
जांच के दौरान 19 बंदियों के फरार होने की जानकारी मिली. उन्होंने बताया कि सभी फरार बंदी अपने-अपने घर चले गये हैं. कुछ बंदियों के घर पूछताछ की गयी तो पता चला कि कोरोना की दहशत से वह आइसोलेशन सेंटर से भाग गये. जल्द ही इन बंदियों को वापस आइसोलेशन सेंटर बुला लिया जायेगा. हालांकि, इस तरह की घटना से आइसोलेशन वार्ड की सुरक्षा पर पर सवाल खड़ा हो गया है.
आइसोलेशन भवन के अंदर सिर्फ डॉक्टर के ही जाने की मंजूरी है. वहीं, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी का कहना है कि उनकी नियुक्ति गेट के पास है. अगर बंदी ग्रील तोड़कर पीछे से भागते हैं, तो इन लोगों पर निगरानी कैसे हो पायेगी. आइसोलेशन भवन में आम मरीजों के साथ 38 बाल बंदी भी भर्ती हैं. वहां पर सुरक्षा के लिए चार महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगायी गयी है.
इस दौरान कई अन्य अनियमितताएं भी समानें आयीं. इतने बड़े भवन की घेराबंदी के लिए करीब पचास जवान की नियुक्ति होनी चाहिए, सिर्फ पांच ही जवान आइसोलेशन भवन में नियुक्त है. वहीं, जवानों के लिए किसी भी तरह की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. भोजन के लिए पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन में जाना पड़ता है.
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