सहजन खाएं, इम्यूनिटी बढ़ाएं.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। ऐेसे में लोगों को बचाने के लिए उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में स्वाद में भले ही कसीला है, लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहजन (मुनगा) सर्वश्रेष्ठ है। भारत समेत कंबोडिया, फिलीपींस, श्रीलंका व अफ्रीकी देशों में भी इसे खूब पसंद किया जाता है। सहजन एक औषधि के रूप में इम्युनिटी बढ़ाने में लाभदायक चीज है।
पश्चिम बंगाल में काफी समय से इसका उपयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है। इसका पाउडर व टानिक विदेशों में भेजा जाता है। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय वनस्पति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अश्विनी दीक्षित इस पर शोध भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि सहजन औषधि गुणों का खजाना है। शरीर में पानी की मात्रा को भी पूरा करता है। छत्तीसगढ़ में यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। गांव ही नहीं शहरों में भी इसकी खेती भी शुरू हो चुकी है।
रामबाण है सहजन
– इसमें 300 से अधिक रोगों की रोकथाम के गुण हैं। इसमें 90 तरह के मल्टीविटामिंस, 45 तरह के एंटी आक्सीडेंट, 35 तरह के दर्द निवारक गुण और 17 तरह के एमिनो एसिड पाए जाते हैं।
– सहजन की फली के साथ इसकी पत्तियां भी बेहद लाभदायक है। भाजी के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है। हड्डियों को मजबूत करने शुगर, लीवर और यूरीनल समस्याओं के लिए रामबाण इलाज माना जाता है।
ऐसे खा सकते हैं
– सहजन की भाजी को सब्जी बनाकर खाया जा सकता है। इसके पाउडर को किसी भी सब्जी में मिलाकर स्वाद लिया जा सकता है।
– फली को दाल में डालकर खा सकते हैं। साथ ही आलू में भी इसे डालकर सब्जी के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
– भाजी या फली को सुखाकर भी भोजन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। सूप, जूस के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।
प्रोषक तत्वों की मात्रा
(प्रति 100 ग्राम सहजन फली में )
कार्बोहाइड्रेट 8.53 ग्राम
पानी 88.20 ग्राम
प्रोटीन 2.10 ग्राम
वसा 0.20 ग्राम
पैंटोथैनिक अम्ल 16 मिलीग्राम
मैग्निशियम 12 मिलीग्राम
मैग्नीज 13 मिलीग्राम
पोटेशियम 10 मिलीग्राम
फास्फोरस 7 मिलीग्राम
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