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शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग से संवारे सेहत - श्रीनारद मीडिया

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग से संवारे सेहत

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग से संवारे सेहत

श्रीनारद मीडिया रोहित मिश्रा सेंट्रल डेस्क

कोरोना संक्रमण के इस दौर में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योगाभ्यास मददगार साबित हो सकता है। इसी उद्देश्य से हम विश्व प्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय, मुंगेर से प्रशिक्षण प्राप्त कर लोगों को योग सिखा रहे डॉ. राजीव कुमार सिंह (संन्यासी स्वयं ज्योति) की मदद से चुनिंदा आसन व प्राणायाम के बारे में बता रहे हैं। ये कोई दवा या इलाज नहीं हैं, बल्कि खुद को सेहतमंद रखने के सुझाव हैं।

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प्राणायाम : शीतली

फायदे: शरीर को शीतलता व मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है। संपूर्ण शरीर के आंतरिक हिस्सों को प्रभावित करता है। रक्त के शुद्धिकरण में यह कारगर है। यह उच्च रक्तचाप, अनिद्रा व अवसाद से परेशान लोगों के लिए काफी फायदेमंद है।

 

ऐसे करें अभ्यास: ध्यान के किसी भी सुविधाजनक आसन में बैठ जाएं। दोनों हथेलियों को घुटनों के ऊपर रख ज्ञान मुद्रा में बैठें। जीभ को गोल करते हुए एक पाइप के समान बनाना है। लंबा और गहरा श्वास जीभ द्वारा लें और मुंह बंदकर नासिका से छोड़ें।

आसन : मार्जरी

फायदे: यह आसन मूल रूप से महिलाओं के लिए लाभकारी है। इससे आंव, मासिक धर्म, स्पाइनल कोड, कंधा, कमर व गर्दन में दर्द आदि की समस्याओं से निजात मिलती है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला करता है। इससे रक्त का संचार सामान्य रहता है।

ऐसे करें अभ्यास: घुटने के बल बैठ जाएं। हथेलियों को ऊपर उठाते हुए दोनों बांहों को कानों से सटा लें। सामने झुकते हुए शशांक आसन की आवस्था में चले जाएं। ठुड्डी व सीना जमीन में सटा रहेगा। इसके बाद हथेली के बल पर शरीर के अग्र भाग व सिर को बिल्ली की तरह ऊपर उठाना है तथा पीठ को दबाना है। थोड़ी देर बाद सिर को नीचे लाना है और पीठ को ऊपर उठाना है।

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