रेलकर्मी की मौत, गुस्साए परिजनों के बाद नर्स को पीटा.

रेलकर्मी की मौत, गुस्साए परिजनों के बाद नर्स को पीटा.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

मां का शव लेने से बेटे ने किया इंकार, कोरोना से हुई थी महिला की मौत.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

दानापुर रेलवे अस्पताल में पटना जंक्शन के एसएसई कैरेज एंड वैगन आलोक कुमार की मौत हो गयी। उनकी मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में डॉक्टर द्वारा समय पर इलाज के लिए नहीं आने पर नर्स की पिटाई कर दी। इससे अस्पताल में सुबह से दोपहर तक अफरातफरी का माहौल रहा। बाद में सुरक्षाबलों के आने के बाद मामला शांत हुआ।

उधर, अस्पताल के सीएमएस पर भी परिजनों ने इलाज में मनमानी और कोताही बरतने का आरोप लगाया है। अस्पताल के सीएमएस न तो मरीजों की परेशानी देख रहे और इलाज सुनिश्चित करा रहे हैं। अस्पताल में डॉक्टर के नहीं जाने के कारण ही मृतक की मौत का आरोप परिजन लगा रहे हैं।

दानापुर रेलवे मंडल अस्पताल में एसएसई कैरेज एन्ड वैगन की मौत के बाद मृतक के गुस्साए बेटा ने आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी पर तैनात नर्स सरिता सिन्हा और प्रीति के उपर हमला कर दिया। इसके बाद गुस्साए नर्स, डॉक्टर, अस्पताल के सभी कर्मचारियों ने काम को ठप कर दिया। अस्‍पताल कर्मियों के काम ठप करने के बाद सीएमएस को बुलाया गया। लेकिन वे आने पर नर्स की बातों को सुनकर सीधे अपने चैम्बर में चले गए।

सीएमएस ने इस मामले में पूछे जाने पर अपनी नाकामी छिपाने के लिए कुछ भी बताने से मना कर दिया। अपनी जवाबदेही से बचते हुए सीएमएस ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। वहीं, अस्पताल में भर्ती होना मरीजों के दूसरे परिजनों ने ही बताया कि मरीजों की सही तरीके से देखभाल नहीं हो रही है।  समय पर इलाज से लेकर ऑक्सीजन की कमी और वेंटिलेटर की समस्या बनी हुई है। दवा के लिए भी मरीजों के परिजनों को परेशान होना पड़ रहा है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस संबंध में कोई और कारगर पहल नहीं कर रहे हैं।

कोरोना ने अब रिश्तों को भी शर्मसार कर दिया है। कोरोना से मौत के बाद प्रशासन को शवों का अंतिम संस्कार करने में भी मुसीबतें आ रही हैं। कारण कि लोग अपनों की मौत के बाद शव लेने से इनकार भी करने लगे हैं।

ऐसा ही मामला सोमवार को बक्सर जिला प्रशासन के सामने आया, जब पुत्रों ने अपनी मां का शव लेने से ही कोविड अस्पताल से इनकार कर दिया। वे शव को छोड़कर भाग गए। इससे घंटों बेड पर ही मृत महिला का शव पड़ा रहा। जिला प्रशासन ने मृत महिला का अंतिम संस्कार सरकार के नियमों के अनुसार करवाया।
दरअसल, शहर के चीनी मिल की रहने वाली एक महिला की तबीयत खराब हुई। जांच के दौरान उसे कोरोना संक्रमित पाया गया था। महिला को इलाज के लिए कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था। रविवार की शाम महिला की मौत हो गई।

वहीं दूसरी ओर पटना के संपतचक प्रखण्ड में कनौजी कछुआरा पंचायत के कृषि विहार कॉलोनी ब्रह्मपुर में एक 65 वर्षीय बुजुर्ग की स्वाभाविक मौत हो गयी। पत्नी को छोड़कर घर के अन्य सदस्य कोरोना से मौत के डर से अन्यत्र चले गए। शव को कोई कंधा तक देने वाला नहीं था। आस-पड़ोस के लोग ने भी दूसरी बना ली। बाद में जिला प्रशासन की पहल पर मुखिया पति के सहयोग से अंतिम संस्कार कराया गया।

मृतक बालेश्वर प्रसाद पिता प्रसादी महतो के घर में उनकी पत्नी के अलावा कोई अन्य सदस्य मौजूद नहीं था। ऐसी स्थिति में कोरोना से मौत की अफवाह में आसपास के कोई लोग जब शव को हाथ लगाने से परहेज करने लगे तब जिला प्रशासन को सूचना मिली। खुद कोरोना संक्रमित सम्पतचक की बीडीओ उषा देवी ने इसकी जानकारी भेलवाड़ा दारियापुर पंचायत की मुखिया नीतू देवी के पति रॉकी कुमार को दी।

रॉकी कुमार अपने समर्थकों के साथ बालेश्वर प्रसाद के घर रविवार रात करीब पौने आठ बजे पहुंचे। इस दौरान जिला प्रशासन की टीम भी एम्बुलेंस लेकर पहुंची। बाद में बालेश्वर प्रसाद के खेमनीचक घर से मृत्युंजय प्रसाद, सोनू कुमार भी पहुंचे और जिला प्रशासन की टीम, एम्बुलेंस चालक बेतिया निवासी मजरे आलम व सहयोगी समस्तीपुर के बिन्दन कुमार ने शव को कंधा देकर एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद जिला प्रशासन टीम शव को दाह संस्कार के लिए लेकर चली गयी।

ये भी पढ़े…

Leave a Reply

error: Content is protected !!