कोरोना के 3.52 लाख नए केस, 2,812 की मौत.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश में 24 घंटों के दौरान 3,52,991 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। इन नए मामलों के साथ कोरोना की चपेट में आए लोगों की संख्या बढ़कर 1,73,13,163 हो गई है। फिलहाल देश में 28 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं। इस दौरान 2,812 लोगों की मौत से कोरोना के कारण दम तोड़ने वालों की संख्या बढ़कर बढ़कर 1,95,123 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार सक्रिय मामले बढ़कर 28,13,658 हो गए हैं।
रिकवरी रेट भी गिरी
ये कुल संक्रमणों का 16.25 फीसद हैं। अचानक बढ़े मामलों के कारण ठीक होने की दर गिरकर 82.62 फीसद और मृत्यु दर 1.13 फीसद हो गई है। संतोष की बात यह है कि अब तक 1,43,04,382 इस बीमारी को हराकर स्वस्थ हो चुके हैं। देश में बीते सात अगस्त को कोरोना के मामले 20 लाख के पार हुए थे।
एक दिन में 14,02,367 नमूनों की जांच
इसी तरह 16 सितंबर को 50 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार हुआ जबकि 19 अप्रैल को संक्रमण के मामलों की संख्या 1.50 करोड़ के पार हुई। आइसीएमआर के अनुसार अब तक 27,93,21,177 नमूनों की जांच की जा चुकी है। रविवार 25 अप्रैल को 14,02,367 नमूनों की जांच की गई।
महाराष्ट्र में सर्वाधिक मौतें
बीते 24 घंटों में जिन 2,812 और लोगों की कोरोना से मौत हुई उनमें सबसे अधिक 832 लोग महाराष्ट्र के थे। इसके बाद दिल्ली से 350, उत्तर प्रदेश से 206, छत्तीसगढ़ से 199, गुजरात से 157, कर्नाटक से 143 और झारखंड से 103 लोग शामिल हैं। देश में अब तक कुल 1,95,123 मौतें हुई हैं। इनमें महाराष्ट्र से 64,760, कर्नाटक से 14,426, दिल्ली से 14,248, तमिलनाडु से 13,557, उत्तर प्रदेश से 11,165, बंगाल से 10,941, पंजाब से 8,432 और आंध्र प्रदेश से 7,685 लोगों की जान गई।
कर्नाटक में 14 का लॉकडाउन
कर्नाटक सरकार ने एहतियात के तौर पर मंगलवार की रात से राज्य भर में 14 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि कोरोना संकट पर काबू पाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। इस दौरान आवश्यक सामानों की दुकानों को सुबह छह से रात दस बजे तक खोलने की इजाजत होगी। यही नहीं कृषि क्षेत्र, उत्पादन क्षेत्र, मेडिकल एवं जरूरी वस्तुओं के उत्पादन से जुड़े क्षेत्र काम करना जारी रखेंगे।
सेना ने संभाला मोर्चा
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक बीते दो साल में सेवानिवृत्त होने वाले या समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेने वाले सशस्त्र बलों के सभी चिकित्सा कर्मियों को उनके संबंधित निवास स्थान के आसपास कोविड-19 केंद्रों में काम करने के लिए बुलाया जा रहा है। यही नहीं सेना ऑक्सीजन की आपूर्ति में भी अपनी मदद करेगी।
केंद्र सरकार ने दी यह सलाह
केंद्र सरकार ने लोगों को लक्षण नजर आने पर घर के भीतर भी मास्क पहनने की सलाह दी है। सरकार ने टीकाकरण अभियान की गति तेज करने की बात कही और अपील की कि महिलाएं माहवारी के समय कोविड वैक्सीन ले सकती हैं। सरकार का कहना है कि देश में ऑक्सीजन तो है लेकिन इसे अस्पतालों तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है। सरकार ने अस्पतालों से भी यथोचित तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने को कहा है। यही नहीं रेमडेसिविर और टोसिलिजुमाब जैसी दवाएं भी जरूरतमंद मरीजों को ही लिखने पर जोर दिया है।
भारत में कोरोना वायरस के पीक को लेकर आईआईटी के वैज्ञानिकों ने नया दावा किया है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि मई के मध्य तक कोरोना की दूसरी लहर का पीक आ सकता है। अब उन्होंने अपने पूर्वानुमान में संशोधन करते हुए एक गणितीय मॉडल के आधार पर कहा है कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सक्रिय मामलों की संख्या 14 से 18 मई के बीच चरम पर पहुंचकर 38 से 48 लाख हो सकती है।
इतना ही नहीं, चार से आठ मई के बीच संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 4.4 लाख तक के आंकड़े को छू सकती है। भारत में सोमवार को संक्रमण के 3,52,991 नए मामले सामने आए तथा महामारी से 2,812 और लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही देश में सक्रिय मरीजों की संख्या 28,13,658 हो गई।
वैज्ञानिकों ने इस मॉडल के आधार पर किया दावा
आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने सूत्र नाम के मॉडल का इस्तेमाल करते हुए कहा कि मई के मध्य तक उपचाराधीन मामलों की संख्या में 10 लाख से अधिक तक की वृद्धि हो सकती है। नए पूर्वानुमान में समयसीमा और मामलों की संख्या में सुधार किया गया है। पिछले सप्ताह शोधकर्ताओं ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि महामारी 11 से 15 मई के बीच चरम पर पहुंच सकती है और उपचाराधीन मामलों की संख्या 33-35 लाख तक हो सकती है तथा मई के अंत तक इसमें तेजी से कमी आएगी।
पूर्वानुमान आंकड़े के लिए न्यूनतम और अधिकतम गणना भी हुई है
इस महीने के शुरू में, वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि देश में 15 अप्रैल तक उपचाराधीन मामलों की संख्या चरम पर होगी, लेकिन यह बात सच साबित नहीं हुई। आईआईटी-कानपुर में कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने कहा कि इस बार, मैंने पूर्वानुमान आंकड़े के लिए न्यूनतम और अधिकतम गणना भी की है। मुझे विश्वास है कि वास्तविक आंकड़ा न्यूनतम और अधिकतम आंकड़े के बीच होगा। अग्रवाल ने रविवार को उपचाराधीन मामलों और नए मामलों के चरम पर पहुंचने के पूवार्नुमान संबंधी नए आंकड़े ट्विटर पर साझा किए।
अभी यह अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई
अग्रवाल ने यह भी उल्लेख किया कि यह स्पष्ट नहीं है कि अंतिम आंकड़ा क्या होगा। अभी यह अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई है। वैज्ञानिकों ने कहा कि सूत्र मॉडल में कई विशिष्टताएं हैं। गौतम मेनन और हरियाणा स्थित अशोका विश्वविद्यालय की उनकी टीम ने एक स्वतंत्र गणना में पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि कोविड-19 की मौजूदा लहर मध्य अप्रैल से मध्य मई तक के बीच अपने चरम पर पहुंच सकती है। मेनन ने यह भी आगाह किया कि कोविड-19 से संबंधित इस तरह के पूर्वानुमानों पर केवल अल्पकालिक अवधि में ही विश्वास किया जाना चाहिए।
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