बिहार में कोरोना संक्रमण से हालात भयावह-तेजस्वी यादव
24 घंटे में मिले 12,604 नए संक्रमित.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि सरकार भले ही मौत के आंकड़ों को कम करने में जुटी हो, लेकिन बिहार में हालात भयावह हैं। उन्होंने कहा कि हमने खुद को इतना असहाय, असमर्थ कभी अनुभव नहीं किया। एक इंसान होने के नाते गुहार लगा रहे, मदद मांग रहे, तड़प रहे सभी ज़रूरतमंदों की मदद नहीं कर पा रहे। कहा कि अस्पतालों में फोन लगवाओ तो जवाब आता है, कुछ नहीं कर सकते सर, बेड नहीं है। इंजेक्शन नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है। कैसे मदद करें?
उन्होंने दावा किया कि बिहार के 10 जिलों में 5 से अधिक वेंटिलेटर तक नहीं है। कहा कि कितनी शर्मनाक बात है कि बिहार के ज़िला मुख्यालयों में वेंटिलेटर ऑपरेटर तक नहीं हैं? अधिकारियों को फोन लगवाओ तो फोन बजते रह जाता है। कोई उठाता नहीं है। कहा कि कोई ऐसी डेडीकेटेड हेल्पलाइन नहीं है जहां लोग फोन कर बेड, ऑक्सीजन या दवाओं की उपलब्धता की वास्तविक जानकारी ले पाएं। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ लोग कालाबाज़ारी, मुनाफाखोरी से परेशान हैं। कहा कि हमारी पार्टी और कार्यकर्ता लोगों की मदद कर रहे हैं।
हर दिन बेनकाब हो रहा तेजस्वी का मतलबी चेहरा : जेडीयू
प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बेनकाब तो आपकी गंदी सियासत हो रही है। महामारी के इस दौर में हमारे डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने तो साहस और धैर्य नहीं छोड़ा है लेकिन आप नेता प्रतिपक्ष होते हुए भी फरार हैं। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगातार काम जारी है। कोरोना जैसी भयावहता में कोई भी इंफ्रास्ट्रक्चर कम पड़ जाए लेकिन इसका मतलब कतई यह नहीं की संघर्ष करना ही छोड़ दिया जाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की जनता के मर्म को जानते है और वो उनके सुख-दु:ख में शामिल हैं।
जदयू प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि अवसरवादी राजनीति का जो चेहरा नेता प्रतिपक्ष दिखा रहे हैं उससे उनका मतलबी चेहरा हर दिन बेनकाब हो रहा है। एक तो महामारी में बिहार के लोगों को छोड़कर आप निकल लिए और दूसरे पब्लिसिटी के लिए हर दिन बयानबाजी करते हैं। अगर है साहस तो बिहार की धरती पर आइए। जनता के बीच जाकर उनका दु:ख तकलीफ बांटिये। नीतीश कुमार लगातार जमीन से जुड़ कर काम करते हैं।
बिहार में मंगलवार को 12,604 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई। पटना में सर्वाधिक 1837 नए कोरोना संक्रमित मिले। पटना सहित छह जिलों में पांच सौ से अधिक नए संक्रमित मिले। औरंगाबाद में 622, बेगूसराय में 611, गया में 769, सारण में 543 और पश्चिमी चंपारण में 639 नए संक्रमित मिले। पिछले 24 घंटे में राज्य में 1 लाख 328 सैम्पल की कोरोना जाँच की गई।
बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और इलाज के दौरान लगातार हो रही संक्रमितों की मौत से लोग सहम गए हैं। सूबे में अबतक 35 दिनों में इस वर्ष 594 संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है जबकि पिछले वर्ष 146 दिनों में 537 संक्रमितों की मौत हुई थी।
अस्पतालों में दम फूलने और ऑक्सीजन की कमी से मौत अधिक
राज्य में इस वर्ष कोरोना संक्रमितों के दम फूलने और ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत की संख्या बढ़ी है। जबकि पिछले वर्ष संक्रमितों की सर्दी, खांसी, बुखार, हृदय रोग, किडनी रोग और कैंसर जैसे रोगों से ग्रसित होने के कारण मौत हुई थी।
पांच दिनों में 258 संक्रमितों की गई जान
पांच दिनों में राज्य में 258 कोरोना संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। जबकि 2020 में 16 अगस्त के पूर्व पांच दिनों में 68 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 21 अप्रैल तक राज्य में 1897 संक्रमितों की मौत हुई थी जबकि 25 अप्रैल तक संक्रमितों की मौत की संख्या बढ़कर 2155 हो गई। वहीं, पिछले वर्ष 12 अगस्त तक 474 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई थी जबकि 16 अगस्त 2020 तक संक्रमितों की मौत की संख्या बढ़कर 537 हो गयी थी।
संक्रमितों की मौत की दर 0.5 फीसदी
राज्य में वर्तमान में कोरोना संक्रमितों की मौत की दर 0.5 फीसदी है। जबकि पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण काल में 16 अगस्त को संक्रमितों की मौत की दर 1.0 फीसदी थी।
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