सीएम नीतीश कुमार ने लिया बड़ा फैसला: बिहार में अभी नहीं लगेगा लॉकडाउन
चार बजे बंद होंगी दुकानें, छह बजे शाम से नाइट कर्फ्यू
विवाह व श्राद्ध में लोगोंं की संख्या को भी घटा दिया
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क/
बिहार में कोरोनावायरस संक्रमण के लगातार बढ़ते जा रहे मामलों के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने फिलहाल लॉकडाउन नहीं लगाते हुए नाइट कर्फ्यू को शाम छह बजे से ही लगाने तथा दुकानों को सााम चार बजे ही बंद करने का फैसला किया है। इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार व बुधवार को दो हाई लेवल बैठकें कीं। बुधवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में अंतिम फैसला लिया गया।
मंगलवार को हाई लेवल बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री तथा विभिन्न विभागों के आला अधिकारियों के साथ सभी 38 जिलों के जिलाधिकारी मौजूद थे। जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों के हालात की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी। जिलों से मिले फीडबैक और कोरोनावायरस संक्रमण के ताजा हालात पर बुधवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक विमर्श किया गया। इस बैठक में कोरोना संक्रमण से निबटने के लिए जरूरी फैसला किया गया।
सूत्रों के अनुसार बिहार में वीक-एंड लॉकडाउन को लेकर चर्चा हुई, लेकिन इसपर अंतिम सहमति नहीं बनी। यह माना गया कि लोग किसी न किसी बहाने बाहर निकल ही रहे हैं। ऐसे में दुकानों को 29 अप्रैल से शाम चार बजे ही बंद करने का फैसला लिया गया। साथ ही नाइट कर्फ्यू काे भी शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक लागू किया जाएगा।
बैठक में लिए फैसले के अनुसार सरकार तीन लाख कोरोनावायरस मरीजों को आधार मानकर तैयारी शुरू कर चुकी है। सरकार और कोरोना अस्पतालों की व्यवस्था करेगी। साथ ही वर्तमान अस्पतालों में संसाधन बढ़ाएगी। सरकार एंबुलेंस भी किराए पर लेगी।
इसके अलावा सरकार ने सभी सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध जारी रखते हुए विवाह व श्राद्ध में लोगोंं की संख्या को भी घटा दिया है। अब विवाह में 50 तो श्राद्ध में 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे।
अगर इससे हालात नहीं सुधरे तो सरकार आगे संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए और कड़े कदम उठा सकती है। यह कड़ा कदम पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन ही हो सकता है। माना जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर सरकार आंशिक या वीक-एंड लॉकडाउन से शुरुआत कर सकती है। इससे हालत नहीं सुधरे तो पूर्ण लॉकडाउन भी लगाया जा सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के जरूरत पड़ने पर कोई भी कदम उठाया जा सकता है।
विदित हो कि बिहार में कोरोनावायरस संक्रमण के हालात विस्फोटक हो गए हैं। राज्य में सक्रिय मरीजों का आंकड़ा एक लाख के करीब पहुंच चुका है। संक्रमण दर बढ़ रही है तो स्वस्थ होने वालों की दर घट रही है। मौत के आंकड़े भी बढ़े हुए हैं। ऐसे में सरकार के पास कड़े फैसले के अलावा कोई विकल्प भी नहीं दिख रहा है।
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