एआईएसएफ के राष्ट्रीय सप्ताहिक प्रतिरोध मार्च (1 मई से 7 मई) के दूसरे दिन स्वास्थ्य सुविधाओं को पूर्णतः राष्ट्रीयकरण करने की एआईएसएफ सारण ने की जोरदार मांग

 

एआईएसएफ के राष्ट्रीय सप्ताहिक प्रतिरोध मार्च (1 मई से 7 मई) के दूसरे दिन स्वास्थ्य सुविधाओं को पूर्णतः राष्ट्रीयकरण करने की एआईएसएफ सारण ने की जोरदार मांग

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केरल के स्वास्थ्य मॉडल को पूरे हिंदुस्तान में शीघ्र लागू करे केंद्र सरकार: अमित नयन

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा (बिहार):

एआईएसएफ सारण जिला परिषद द्वारा छपरा शहर के साधना पूरी मोहल्ले में एआईएसएफ के राष्ट्रीय आह्वान पर प्रस्तावित साप्ताहिक कार्यक्रम का दूसरा दिन है। जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं को पूर्णतः राष्ट्रीयकरण करने की मांग, ऑक्सीजन, बेड वेंटीलेटर सभी राज्यों में अस्पतालों को मुहाल कराने, केरल के स्वास्थ्य मॉडल को पूरे देश में लागू करने, कोरोना अवधि में सभी निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर उसमें कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को योग्यता अनुसार सरकारी कर्मी का दर्जा देने, स्वास्थ्य कर्मियों के सभी रिक्त पदों पर अविलंब नियुक्ति करने तथा कोविड काल में पत्रकारों को फ्रंटलाइन वारियर्स का दर्जा देने इत्यादि मांगों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध मार्च हस्तलिखित कार्डबोर्ड के माध्यम से कोविड गाइडलाइन को फॉलो करते हुए किया गया।
प्रतिरोध मार्च को संबोधित करते हुए एआईएसएफ के राज्य- पार्षद सह सारण जिला सचिव अमित नयन ने कहा कि कोविड के दरमियान स्वास्थ्य सेवाओं में देश की जी बदहाल स्थिति है वह किसी से छुपी नहीं है। आज ऑक्सीजन से लेकर बेड तक का इंतजाम हमारी हुकूमत करने में खुद को असमर्थ बता रही है। वह सब कुछ भगवान भरोसे छोड़कर अपनी जिम्मेवारी से पीछे भाग रही है। हिंदुस्तान में पहली दफा ऐसा हो रहा है की शमशान में कूपन कटाने पर रहे हैं लाशों को जलाने के लिए। इससे बदतर स्थिति और क्या हो सकती है? कि जब सत्तासीन पार्टी के नेता- कार्यकर्ता भी किसी ना किसी दिन कोविड एवं बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण लगातार दम तोड़ रहें हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से सभी स्वास्थ सेवाओं को राष्ट्रीयकृत करने की मांग की। ताकि आम जनों से लेकर खास शख्सियतों को समुचित इलाज की जरूरतों को पूरा किया जा सके। पूरे हिंदुस्तान में केरल के स्वास्थ मॉडल को लागू करने की उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की।कोरोना काल में रिपोर्टिंग के दौरान मृत्य एवं संक्रमित होने वाले पत्रकार बंधुओं को फ्रंटलाइन वारियर्स का दर्जा देने की केंद्र सरकार से मांग की। साथी हीं साथ निजी अस्पतालों को अधिग्रहित करने एवं स्वास्थ्य कर्मियों के सभी रिक्त पदों को शीघ्र भरने की मांग वर्तमान केंद्र सरकार एवं बिहार सरकार से की।आज के सप्ताहिक प्रतिरोध मार्च में मुख्य रूप से रोहन कुमार, रौनक कुमार, सामर्थ्य कृष्ण, राहुल कुमार, निखिल, आकाश आदि उपस्थित थे।

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