शहाबुद्दीन की मौत के बाद दो बड़े मुस्लिम नेताओं ने छोड़ा राजद का साथ
प्रदेश स्तर के दो नेताओं ने 24 घंटे के अंदर राष्ट्रीय जनता दल का साथ छोड़ दिया है। सिवान के पूर्व सांसद और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी रहे शहाबुद्दीन को लेकर बिहार की सियासत आजकल गर्म है। शहाबुद्दीन की मौत को सियासत के तवे पर सेंककर मुस्लिम वोटों को खुद के साथ गोलबंद करने की कोशिश कई दल कर रहे हैं। इस सियासी खेल में तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राजद फंसती दिखाई दे रही है। लालू यादव, तेजस्वी यादव और उनके पूरे परिवार पर शहाबुद्दीन के परिवार का साथ नहीं देने का आरोप लग रहा है। इधर, एक चर्चा जोर पकड़ रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से नजदीकी बढ़ा रही है। हालांकि सिवान राजद ने पूर्व सांसद के परिवार के पार्टी के साथ होने का दावा किया है।
पूर्व सभापति सलीम परवेज ने कही बड़ी बात
खबर है कि राजद के बड़े नेता, वर्तमान में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और बिहार विधान परिषद के सभापति रह चुके सलीम परवजे ने शहाबुद्दीन और उनके परिवार की उपेक्षा का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन उनके अच्छे मित्र और राजद के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उनके आखिरी दिनों में पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं रही, इसलिए वे पार्टी छोड़ रहे हैं।
राजद नहीं कर रहा अकलियतों का सम्मान
इधर, राजद तकनीकी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मो. शोहराब कुरैशी ने भी पार्टी छोड़ने का एलान किया है। उनका कहना है कि वह अपने मार्गदर्शक मरहूम सैय्यद शहाबुद्दीन के आत्मिक मृत्यु से बहुत ही आहत हैं। इसे वह बयान नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने ताउम्र राजद की सेवा की। वह सालों-साल पार्टी हित में कार्य करते रहें उन्होंने कहा कि, वैसे कार्यकर्ता जो अपने संसदीय जीवन में विधानसभा के सदस्य तथा लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं उनके लिए पार्टी में कोई सम्मान नहीं है ऐसे छोटे कार्यकर्ताओं का क्या होगा?
बड़े नेताओं का भी राजद में नहीं रहा सम्मान
मो. शोहराब ने कहा कि राजद पार्टी की तरफ से कोई व्यक्ति जो पार्टी के बड़े पद पर हो शोकाकुल परिवार के साथ खड़ा नहीं है। ऐसे में हम छोटे कार्यकर्ता का राजद परिवार में किस तरह का वजूद रहेगा यह आने वाला समय बताएगा। उन्होंने इस घटना से आहत हो कर तत्काल प्रभाव से राजद सक्रिय कार्यकर्ता एवं पार्टी के बिहार प्रदेश तकनीकी प्रकोष्ठ के सचिव पद से इस्तीफा दे दिया।