वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी पर रोक लगाने की मांग पर जाने दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या किया
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
दिल्ली हाईकोर्ट ने वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर बुधवार को केन्द्र सरकार और सोशल मीडिया मंचों जैसे फेसबुक एवं वॉट्सऐप से जवाब तलब किया है। इस मामले में यााचिकाककर्ता का तर्क है कि वॉट्सऐप अपनी नीति को जल्द प्रभावी बनाने वाला है। ऐसे में हाईकोर्ट वॉट्सऐप को निर्देश जारी कर इस पर रोक लगाए।
चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने इस याचिका पर केन्द्र सरकार, फेसबुक और वॉट्सऐप को नोटिस जारी किया है। इन पक्षकारों को कहा गया है कि वह 13 मई तक इस याचिका पर अपना पक्ष रखें और बताएं कि आम आदमी की वॉट्सऐप पर प्राइवेसी को लेकर उनका क्या कहना है। बेंच ने यह भी पूछा कि इस नीति का क्या प्रभाव पड़ने वाला है।
वहीं, वॉट्सऐप ने बेंच के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि वॉट्सऐप ने बेंच को बताया कि व्यक्तियों की निजी बातचीत उनके टूल एंड टू एंड एनक्रिप्शन से सुरक्षित रहती है। ऐसे में प्राइवेसी प्रभावित होने का सवाल ही नहीं उठता।
पेश मामले में याचिकाकर्ता हर्षा गुप्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट से कुछ अंतरिम आदेश देने की आग्रह किया क्योंकि वॉट्सऐप 15 मई से अपनी नीति को प्रभावी बनाएगा। इसके लिए वॉट्सऐप ने पहले ही तारीख तय की हुई है। इसी के चलते प्रत्येक व्यक्ति के वॉट्सऐप पर प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर एक संदेश भी जारी किया जा रहा है।
बहरहाल बेंच ने 15 मई को इस नीति को लागू करने के मद्देनजर इस मामले में सुनवाई के लिए 13 मई की तारीख तय की है, ताकि इससे पहले ही यह निर्धारित किया जा सके कि वॉट्सऐप की यह नीति जनहितकारी है अथवा इसके खिलाफ है। साथ ही याचिकाकर्ता के पक्ष पर भी स्पष्टीकरण मिल सके। अब केन्द्र व सोशल मीडिया को इस पर जल्द जवाब देना है।
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