टीका को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची बंगाल सरकार.
गृह मंत्रालय की टीम की राज्यपाल के साथ बैठक,केंद्र को सौंपेगी रिपोर्ट.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने वैक्सीन से जुड़े कुछ मुद्दों को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। ममता बनर्जी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालते हुए कहा कि एक समान टीकाकरण नीति होनी चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पूरे देश में कोविड वैक्सिन मुफ्त में लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि पश्चिमी देशों में कोविड वैक्सिन फ्री लगायी जा रही है तो हमारे देश में क्यों नहीं?
बंगाल सरकार का कहना है कि टीका उपलब्ध कराने के लिए केंद्र को तत्काल कदम उठाने चाहिए और राज्यों को मुफ्त में दिए जाने चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट टीकाकरण की नीति से जुड़े इस मामले में सोमवार को सुनवाई करेगा।
बता दें कि दो दिन पहले शपथ लेने के तुरंत बाद ममता सरकार ने बुधवार को कोरोना वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा था। इसके एक दिन बाद शुक्रवार को ऑक्सीजन को लेकर पत्र लिखा। और फिर शाम होते होते बंगाल सरकार टीके के मुफ्त वितरण की मांग को लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।
गौरतलब है कि पहले से ही कई राज्यों ने अपने-अपने राज्यों में मुफ्त टीकाकरण की घोषणा की है। ममता बनर्जी ने भी राज्य के सभी लोगों को निःशुल्क वैक्सीन देने की घोषणा कर रखी है। राज्य सरकार का दावा है कि केंद्र सरकार को देश भर में टीकाकरण के लिए एक समान नीति अपनाने की आवश्यकता है।
पश्चिम बंगाल में रिजल्ट के बाद जारी हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम बंगाल दौरे पर पहुंची है. शुक्रवार को टीम ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और राज्य में जारी हिंसा से जुड़ी जानकारी ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम की बैठक में बातचीत का मुद्दे क्या रहे, इसका खुलासा नहीं हो सका है. सूत्रों की मानें तो राज्य में जारी हिंसा को लेकर बैठक में चर्चा हुई है. बताते चलें कि पश्चिम बंगाल में रिजल्ट के बाद हिंसा को लेकर राज्यपाल से गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है.
राज्यपाल के साथ टीम की एक घंटे बैठक
राज्यपाल जगदीप धनखड़ के ऑफिस के मुताबिक शुक्रवार की सुबह दस बजे केंद्रीय गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय बैठक करने राजभवन पहुंची थी. टीम ने राज्यपाल के साथ करीब एक घंटे बैठक की. इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम ने बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय, गृह सचिव एचके द्विवेदी और डीजी वीरेंद्र के साथ भी मीटिंग की थी. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने हिंसा पर कार्रवाई किए जाने की जानकारी दी थी. बताया जाता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम दौरे से लौटने के बाद दिल्ली में बंगाल हिंसा पर रिपोर्ट सौपेंगी.
राज्य सरकार ने केंद्र को नहीं भेजी रिपोर्ट
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद शुरू हुई हिंसा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से फोन पर जानकारी ली थी. 5 मई को शपथ ग्रहण के बाद भी राज्यपाल ने सीएम ममता बनर्जी को हिंसा पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्य सरकार से हिंसा को लेकर रिपोर्ट की मांग की थी. राज्य सरकार ने रिपोर्ट देने में आनकानी की. जिसके बाद चार सदस्यीय विशेष टीम को बंगाल भेजा गया है.
चुनावी नतीजों के बाद हिंसा में 16 की मौत
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का रिजल्ट निकलने के बाद हुई हिंसा में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है. इन घटनाओं के पीछे टीएमसी समर्थकों को हाथ बताया जाता है. बीजेपी का दावा है टीएमसी के गुडों ने बीजेपी समर्थकों की बेरहमी से हत्या की है. जबकि, टीएमसी ने बीजेपी पर राज्य में हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है. 5 मई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी बंगाल दौरे पर हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की थी. इसके साथ बंगाल से हिंसा की राजनीति को हमेशा के लिए खत्म करने का संकल्प कार्यकर्ताओं-समर्थकों के साथ लिया था.
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