लॉकडाउन का असर: अस्पतालों में कम होने लगी संक्रमितों की संख्या

लॉकडाउन का असर: अस्पतालों में कम होने लगी संक्रमितों की संख्या

लोगों के घरों से कम निकलने से घटा संक्रमण का प्रकोप

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क :

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पटना के अस्पतालों में पिछले एक सप्ताह से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आने लगी है। इससे अस्पतालों में अफरा-तफरी के माहौल में भी कमी आई है। जो मरीज आ रहे हैं, उनको बेड भी उपलब्ध हो रहे हैं। एम्स जैसे अस्पताल में जहां पहले एक भी बेड खाली नहीं रहता था, पिछले एक सप्ताह में बेडों की उपलब्धता 40 से 50 तक हो गई है।

पीएमसीएच के कोविड वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ. अरुण अजय ने बताया कि एक सप्ताह पहले पीएमसीएच में कुल 103 मरीज भर्ती थे लेकिन मंगलवार को इनकी संख्या घटकर 91 पर पहुंच गई है। यही नहीं ऑक्सीजन की जरूरत वाले गंभीर मरीजों की संख्या में भी काफी कमी आई है। पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह ऑक्सीजन की मांग और जरूरत में भी लगभग 20 प्रतिशत की कमी आई है। कहा कि मरीजों की संख्या में कमी में लॉकडाउन की अहम भूमिका है। इसके कारण लोग घरों से कम निकल रहे हैं और संक्रमण कम फैल रहा है।

 
एम्स और आईजीआईएमएस में आईसीयू बेड छोड़ कोविड वार्ड में सामान्य बेड आसानी से मिल रहे हैं। एम्स के कोविड वार्ड में उपलब्ध सभी बेड लगभग आईसीयू की सुविधा से युक्त अथवा इसके लगभग बराबर सुविधा के हैं। एम्स में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि भर्ती के लिए आनेवाले मरीजों की जांच कर पहले यह पता लगाया जाता है कि वह भर्ती होने लायक है कि नहीं। अगर वह भर्ती होने लायक होता है तो उसे भर्ती लिया जाता है नहीं तो घर में ही रहने की सलाह दी जाती है। पिछले सप्ताह एम्स के कोविड वार्ड में जहां भर्ती मरीजों की संख्या 340 तक पहुंच गई थी, वहीं अब घटकर 268 पर पहुंच गई है। यानी 7 दिन में 72 मरीज घट गये।

वहीं आईजीआईएमएस में मंगलवार को कोविड वार्ड में 70 बेड खाली थे। हालांकि, आईसीयू बेड की किल्लत अब भी यहां बनी हुई है। लगभग आठ गंभीर मरीज आईसीयू बेड के इंतजार में जनरल वार्ड में ऑक्सीजन के सहारे पड़े हुए हैं। अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 15 नए मरीज ही भर्ती हुए हैं। जबकि एक सप्ताह पहले बेड की कमी के कारण बड़ी संख्या में मरीजों को लौटाया भी जाता था। 14 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है। पांच की मौत हुई है। अब कुल 285 बेडों में से 215 पर ही मरीज मौजूद हैं।

 
कोरोना से हो रही मौतों के चलते जहां श्मशान घाटों पर शवों की कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। वहीं अब कुछ दिनों से शवों का आना भी कम हो गया है। नगर निगम प्रशासन की मानें तो 28 अप्रैल का पटना के बांस घाट, गुलबी समेत तीन अधिकृत घाटों पर कुल 290 शव जलाये गये थे। 9 मई को 110, 10 मई को 74 तथा 11 मई को 73 ही शव शाम तक जलाये गये थे।

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