केरल और कर्नाटक में तबाही मचाते हुए आगे बढ़ा तूफान टाक्टे,हाई अलर्ट पर महाराष्ट्र और गुजरात.

केरल और कर्नाटक में तबाही मचाते हुए आगे बढ़ा तूफान टाक्टे,हाई अलर्ट पर महाराष्ट्र और गुजरात.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अरब सागर से उठा समुद्री तूफान टाक्टे केरल, कर्नाटक और गोवा के तटवर्ती इलाकों में तबाही मचाते हुए रविवार को आगे बढ़ गया। इस दौरान भारी बारिश और तेज हवा से सैकड़ों घर उजड़ गए और हजारों लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। इस दौरान तूफान से जुड़े हादसों में छह लोगों की मौत हो गई। हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ के साथ नौसेना और वायुसेना भी मुस्तैद है।

एनडीआरएफ ने टीमें बढ़ाईं 

एनडीआरएफ ने अपनी टीमों की संख्या 53 से बढ़ाकर 100 कर दी है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने एक ट्वीट में कहा कि ये टीम केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में कूच के लिए तैयार हैं।

बंदरगाहों पर सुरक्षि‍त लौटीं नौकाएं  

भारतीय तटरक्षक बल ने बताया कि महाराष्ट्र और गुजरात में मछली पकड़ने वाली सभी नौकाएं नजदीकी बंदरगाहों पर पहुंच गई हैं। मौसम विभाग के अनुसार यह काफी भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया है। 17 मई की शाम तक इसके गुजरात तट तक पहुंचने की संभावना है। अनुमान है कि 18 मई की सुबह यह पोरबंदर और भावनगर जिले के महुआ के बीच से गुजरेगा।

इन राज्यों में अलर्ट जारी

हाई अलर्ट पर गुजरात : तूफान के और जोर पकड़ने की आशंका के मद्देनजर गुजरात को हाई अलर्ट पर रखा गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने बताया कि चक्रवात टाक्टे बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है और वह गुजरात तट की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आइएमडी ने गुजरात व दमन-दीव के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

महाराष्‍ट्र में भारी बारिश के आसार : मौसम विभाग के अनुसार टाक्टे के चलते महाराष्ट्र के तटवर्ती कई जिलों में 17 मई को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने के आसार है। यह तूफान अगले कुछ घंटों में और विकराल होगा और सोमवार की शाम तक गुजरात पहुंच जाएगा। सिंधुदुर्ग और रत्नागिरि जिलों के साथ गोवा ज्यादातर बारिश और तेज हवाओं से प्रभावित होगा। मुंबई में भी तेज बारिश का अलर्ट है। हवा की गति लगभग 60 से 70 किमी प्रति घंटे होगी।

राजस्थान : जोधपुर, उदयपुर, अजमेर व कोटा संभाग के जिलों में आंधी और बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी की आशंका है। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।

गुजरात : तूफान 18 मई की दोपहर या शाम को पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट पर पहुंच सकता है और इस दौरान हवाओं की रफ्तार 175 किलोमीटर प्रति घंटा भी हो सकती है।

मध्‍य प्रदेश में ऐसा रहेगा मौसम : इस तूफान के चलते रविवार शाम को मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हल्की बारिश हुई। यही नहीं कुछ स्थानों पर 32 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों तक राज्‍य के पश्चिमी भागों में कहीं-कहीं पर गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है। साथ ही 45 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान है।

सुरक्षित स्‍थान पर पहुंचाए गए 1.5 लाख लोग

अहमदाबाद से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात में निचले तटवर्ती इलाकों में रहने वाले 1.5 लाख लोगों को हटाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। मौसम विभाग के अनुसार तूफान के कारण सोमवार की शाम तक हवाओं की रफ्तार 175 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।

केरल में जारी हुआ अलर्ट 

टाक्टे के कारण केरल में हुई भारी बारिश से राज्य के कई बांधों में जल स्तर बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। संभावित खतरे से राज्य प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।

कर्नाटक के 70 से ज्यादा गांव प्रभावित 

बेंगलुरु से मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक के उत्तर कन्नड़, उडुपी, चिकमंगलुरु और शिवमोगा में एक-एक व्यक्ति की जान चली गई। तूफान से सात जिलों के 70 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं। कई जगह घर और पेड़ गिर गए हैं। गोवा में रविवार सुबह से ही तेज हवाएं चलनी लगीं। कई जगह बिजली के खंभे और पेड़ गिरने से राज्य के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।

गृहमंत्री शाह ने खुद संभाली कमान

कर्नाटक से लेकर गुजरात तक चक्रवात के कहर के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने खुद आपदा नियंत्रण की कमान संभाली है। शाह ने रविवार दोपहर महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई प्रदेशों के अधिकारियों और मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की है। गृहमंत्री अमित शाह ने वर्चुअल बैठक में सभी राज्यों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा है कि तूफान से अगर बिजली सप्लाई पर असर पड़ता है तो अस्पताल बैकअप प्लान तैयार रखें।

पीएम मोदी ने दिए ये निर्देश

प्रधानमंत्री ने नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे कार्यरत रखने का निर्देश दिया है। पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे कार्यरत रखने का निर्देश दिया। उन्होंने जामनगर से होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति पर कम से कम प्रभाव पड़ना सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने समय रहते बचाव व राहत अभियान में स्थानीय लोगों को शामिल करने के बारे में भी बात की।

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