बिहार में गलत तरीके से बने नियोजित शिक्षकों की नौकरी खतरे में,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा के आधार पर नौकरी की मलाई खा रहे लोगों के लिए बुरी खबर है. हाइकोर्ट के कड़े रुख के बाद शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाते हुए निगरानी जांच के लिए शिक्षक नियोजन फोल्डर व मेधा सूची उपलब्ध कराने में आनाकानी करने वाले नियोजन इकाई पर जल्द ही प्राथमिकी की गाज गिरने वाली है.
निदेशक प्राथमिक शिक्षा के निर्देशानुसार सभी बीइओ से पंचायती राज संस्थान व नगर निकाय संस्थान द्वारा 2006 से 2015 के बीच नियोजित शिक्षकों के सभी प्रमाण-पत्रों की जांच के लिये फोल्डर तलब किया था. लेकिन बार-बार आदेश के बाद भी नियोजन इकाई द्वारा नियोजित शिक्षकों का फोल्डर नहीं जमा किया गया. इस आदेश की अवहेलना के बाद निदेशक ने शिक्षकों के फोल्डर की जांच के लिये एक वैकल्पिक व्यवस्था की. इसके लिए वेब पोर्टल का निर्माण किया गया. वैसे शिक्षक जिन्होंने अब तक अपने प्रमाण-पत्र को निगरानी विभाग के पास जमा नहीं किया है. वे अब शिक्षा विभाग के जारी पोर्टल पर अपने फोल्डर को अपलोड कर देंगे.
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा कहा गया कि फोल्डर उपलब्ध नहीं कराने वाले शिक्षकों की सूची को जिला प्रशासन की वेबसाइट एनआइसी पर अपलोड कर दें. इसके लिये अंतिम तिथि 17 मई मुकर्रर की गयी थी.
अररिया जिला शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को चिह्नित कर लिया है जिन्होंने अब तक जांच के लिए फोल्डर नहीं जमा किया है व जिनके फोल्डर उपलब्ध हैं लेकिन सारा प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है. अब सोमवार को समीक्षा के बाद चिह्नित शिक्षकों का नाम जिला प्रशासन की वेबसाइट एनआइसी पर अपलोड कर प्रदर्शित किया जायेगा ताकि आमलोगों को भी ऐसे शिक्षकों की जानकारी हो सके.
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