डॉ प्रभात कुमार जैसे व्यक्ति सदियों में कभी कभी ही पैदा होते हैं : केदारनाथ पांडेय
श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी,छपरा,सारण
नहीं रहे हृदय रोग विशेषज्ञ प्रभात कुमार, विधान पार्षद ने जताया शोक
राष्ट्रीय स्तर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रभात कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी मृत्यु मंगलवार को हैदराबाद में इलाज के दौरान हो गई वे 46 वर्ष के थे। इनके मृत्यु की सूचना मिलते ही चिकित्सकों, बुद्धिजीवियों के अलावा बिहार विधान पार्षद सह माध्यमिक शिक्षक के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शोक व्यक्त किया है। श्री पांडेय ने अपने शोक संदेश में कहा है कि डॉ प्रभात कुमार बिहार ही नहीं वे राष्ट्रीय स्तर के हृदय रोग विशेषज्ञ थे। उन्होंने कहा कि इनके आसमयिक मृत्यु से बिहार के बारह करोड़ लोगों के लिए भारी क्षति हुईं।
प्रभात गरीबों के मसीहा थे जो सदियों में कभी कभी ही पैदा होते है। श्री पांडेय ने कहा कि जब भी किसी शिक्षकों या उनके आश्रितों के लिए उनसे संपर्क किया तो केवल उसी दिन देखे वरन दस बीस हजार रुपये भी छोड़ दिये। वे अपने विनम्र एवं शालीन स्वभाव और सदा सर्वदा हस्ते मुस्कुराते चेहरे से वे रोगी को देखते ही आधा रोग दूर कर देते।जिसके परिणाम स्वरूप रोते हुए लोग आते थे हसते हुए घर जाते थे। श्री पांडेय ने कहा कि उनके संबंध में लिखते हुए वाणी निःशब्द हो रही हैं और हाथ कांप रहा है। उन्होंने भावुक मन से डॉ प्रभात कुमार को विनम्र भाव से शोक व्यक्त करते हुए एक दोहे के माध्यम से दो पंक्तियों में कहे है।”हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती है,बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदवर पैदा।”
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