चक्रवात ‘ताउ ते’ से हुए नुकसान को लेकर PM मोदी ने गुजरात को दिये 1000 करोड़ रुपये.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

चक्रवाती तूफान ‘ताउ ते’ के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात का दौरा किया. प्रधानमंत्री ने गुजरात और दीव स्थित उना (गिर-सोमनाथ), जाफराबाद (अमरेली), महुआ (भावनगर) में चक्रवात तौकते से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. हवाई सर्वेक्षण के बाद उन्होंने गुजरात और दीव में राहत और पुनर्वास के लिए उठाये जा रहे कदमों की समीक्षा करने के लिए अहमदाबाद में एक बैठक की अध्यक्षता की.

प्रधानमंत्री ने गुजरात राज्य में तत्काल राहत के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक अंतर-मंत्रीमंडलीय टीम का गठन करेगी, जो तूफान से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य का दौरा करेगी. उनकी रिपोर्ट के आधार पर राज्य को आगे भी वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी. प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर केंद्र सरकार काम करेगी. केंद्र सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की बहाली और पुनर्निर्माण के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

प्रधानमंत्री ने दौरे के दौरान राज्य में कोविड महामारी की स्थिति का भी जायजा लिया. प्रशासन ने कोविड महामारी की दिशा में किये जा रहे प्रयासों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया. प्रधानमंत्री ने कोविड से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपायों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया. प्रधानमंत्री के दौरे में उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और अन्य अधिकारी शामिल थे.

प्रधानमंत्री ने केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान राज्यों और दमन एवं दीव, और दादर एवं नागर हवेली में चक्रवात ताउ ते के कारण मरनेवालों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों के परिजनों को 50 हजार रुपये का अनुग्रह राशि के रूप में मुआवजा देने की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने कहा कि चक्रवात के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार और प्रभावित राज्यों की सरकारें मिलकर काम कर रही हैं. राज्य सरकारें जैसे ही अपने यहां होनेवाले नुकसान का आकलन केंद्र सरकार के साझा करेंगे, तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आपदा प्रबंधन से संबंधित और अधिक वैज्ञानिक अध्ययन की दिशा में लगातार कार्य करना होगा. उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में तीव्र गति से राहत और बचाव सुनिश्चित करने के लिए अंतर-राज्य समन्वय बढ़ाने के साथ-साथ आधुनिक संचार तकनीकों का उपयोग करने पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया. उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त घरों और संपत्तियों की मरम्मत करने पर भी तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया.

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