ताऊते और अम्फान से खतरनाक चक्रवात यास, 160 किमी प्रति घंटे से भी ज्यादा तेज चलेंगी हवाएं.

ताऊते और अम्फान से खतरनाक चक्रवात यास, 160 किमी प्रति घंटे से भी ज्यादा तेज चलेंगी हवाएं.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत के पूर्वी हिस्से में 26 मई को आने वाले यास चक्रवात ने लोगों के मन में डर बैठा दिया है. यास चक्रवात से कुछ दिनों पहले ही पश्चिमी भारत के महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई राज्यों में ताऊते चक्रवात का कहर दिखा था. अभी तक ताऊते चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. इसी बीच पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 26 मई को आने वाले चक्रवात यास का खौफ बढ़ता जा रहा है. चक्रवात ताऊते के कारण महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का कहर देखा गया था. वहीं, मौसम विज्ञानियों के मुताबिक यास चक्रवात ताऊते और अम्फान से भी ज्यादा खतरनाक है.

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अम्फान से बंगाल-ओडिशा में तबाही का मंजर

पश्चिमी भारत में गुजरात, महाराष्ट्र समेत गोवा में ताऊते के कारण हुए नुकसान की तसवीरें कई मीडिया रिपोर्ट्स में दिखाई गई थीं. अगर कुछ दिनों पहले आए ताऊते चक्रवात की बात करें तो इसकी वजह से केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात और दीव में काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा था. ताऊते चक्रवात के कारण महाराष्ट्र के पांच जिलों में काफी तबाही हुई थी. इसके अलावा राजस्थान और मध्यप्रदेश तक में भी ताऊते का असर दिखा था. पिछले साल अम्फान के कारण काफी नुकसान पहुंचा हुआ था. इसकी तसवीरें और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुई थीं. चक्रवात अम्फान के कारण पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही का मंजर भी दिखा था.

अम्फान चक्रवात से 1 लाख करोड़ का नुकसान

दरअसल, भारत और बांग्लादेश सीमा पर पिछले साल मई महीने में आया चक्रवात अम्फान सबसे ज्यादा नुकसान लेकर आया था. लाखों रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई थी. संयुक्त राष्ट्र की स्टेट ऑफ ग्लोबल क्लाइमेट-2020 की रिपोर्ट में अम्फान चक्रवात के कारण एक लाख करोड़ के नुकसान की बात कही गई थी. अम्फान चक्रवात के कारण सौ से ज्यादा लोगों की मौत रिपोर्ट की गई थी. इस बार पश्चिम बंगाल, ओडिशा समेत आंध्रप्रदेश, अंडमान निकोबार, बिहार समेत झारखंड तक में यास चक्रवात से असर पड़ने की बातें कही जा रही है. माना जा रहा है यास के कारण ताऊते और अम्फान चक्रवात से भी ज्यादा तेज गति से हवाओं के चलने का अनुमान है.

यास से 160 किमी प्रति घंटे रफ्तार से चलेंगी हवा

यास चक्रवात के कारण 25 मई को बंगाल की उत्तर और दक्षिण मिदनापुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हुगली, हावड़ा में बारिश होने की खबरें सामने आईं हैं. पश्चिम बंगाल के दीघा स्थित समुद्र तट पर तेज लहरें देखी जा रही हैं. हवाओं की गति भी तेज है. मौसम विभाग के मुताबिक यास चक्रवात 26 मई को और प्रचंड होकर पश्चिम बंगाल के निकट बंगाल की खाड़ी और उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तट को पार करेगा. इस दौरान इसकी हवा की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे से ज्यादा होगी. इस दौरान भारी से बेहद भारी बारिश होने का अंदेशा जताया गया है.

ओडिशा के बालासोर के करीब पारादीप और सागर आइलैंड के बीच उत्तरी ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट के करीब से  चक्रवाती तूफान यास के गुजरने की संभावना है।  ओडिशा के धमरा पोर्ट के करीब बुधवार सुबह लैंडफॉल की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department, IMD) की ओर से  मंगलवार को यह जानकारी दी गई है। ओडिशा व पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों में बने राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है। पारादीप में तेज हवाओं के साथ समुद्र में ऊंची लहरें उठने लगी। यहां से बुधवार को चक्रवात यास के गुजरने का अनुमान है। ओडिशा के कई इलाकों में बारिश की जोखिम को देखते हुए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है।

भारतीय तट रक्षक ने बताया, ‘रोक के बावजूद मछुआरे अपनी जीवीका के लिए समुद्र में हमेशा चले ही जाते हैं इस हालात से निपटने के लिए हम क्षेत्रीय भाषाओं में ऐलान कर रहे हैं। नौसेना मेडिकल टीम के साथ तैयार है। हमें विश्वास है कि किसी जिंदगी का नुकसान होने से बचा लेंगे।’ वहीं ओडिशा के एडीजी वाईके जेठवा ने बताया, ‘81,661 लोग जो प्रभावित इलाकों में रह रहे हैं उनको अभी तक बाहर निकाला गया है और राहत शिविर में पहुंचाया गया है।’ NDRF DG एसएन प्रधान ने बताया कि चक्रवात यास के मद्देनज़र पश्चिम बंगाल में NDRF की 10 और टीमें तैनात की गईं। राज्य में कुल 45 टीमें तैनात हैं। बता दें कि एक टीम में 47 जवान हैं।

उल्लेखनीय है कि बुधवार यानि 26 मई की सुबह तक यास अपने चक्रवाती तेवर में बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में पहुंच जाएगा, दोपहर को ओडिशा के पारादीप और बंगाल के सागर द्वीप के बीच से बालासोर के पास से गुजरेगा। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) समेत नौसेना, वायुसेना व केंद्रीय एजेंसियों तथा बंगाल व ओडिशा की सरकारों ने इस चक्रवात से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। नौसेना ने राहत कार्यो के लिए चार युद्धपोत और कुछ विमान तैयार कर लिए हैं जबकि वायुसेना भी 11 परिवहन विमानों और 25 हेलीकॉप्टर के साथ मुस्तैद रहेगी।

ओडिशा के चार जिलों में रेड अलर्ट

IMD भुवनेश्वर के अनुसार, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर में हवा की स्पीड 150-160 किमी प्रति घंटे होगी। धमरा और पारादीप में खतरे को देखते हुए चेतावनी दे दी गई है। आज और कल के लिए ओडिशा के केंद्रपाड़ा, भद्रक, जगतसिंहपुर, बालासोर में भारी बारिश के कारण रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खोरदा और पुरी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के गृह मंत्री को आज बालासोर पहुंचने और वहीं रहकर स्थिति की निगरानी के लिए निर्देश दिया है।

पश्चिम बंगाल के दीघा में आज सुबह से बारिश शुरू हो गई। पूर्वी मिदनापुर ज़िले के दीघा में लोगों को उनके मवेशियों के साथ तटीय इलाकों से सुरक्षित निकाल कर राहत शिविर में पहुंचा दिया गया है।

पारादीप पोर्ट पर NDRF तैनात, बने 5 राहत शिविर

चक्रवात यास के मद्देनजर पारादीप में NDRF की टीम तैनात की गई है। पारादीप पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन ने बताया कि चक्रवात के मद्देनज़र पारादीप पोर्ट पर तैयारियां की जा चुकी हैं। जितने भी जहाज पोर्ट पर थे उसे पहले से ही सुरक्षित जगह पर भेज दिया है। चक्रवात से प्रभावित लोगों के लिए पोर्ट पर 5 शेल्टर बनाए जा रहे हैं जिसमें सभी प्रकार की सुविधा होगी। IMD भुवनेश्वर के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया, ‘तीव्र चक्रवाती तूफान यास की वर्तमान स्थिति पूर्व मध्य और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में है। पिछले 6 घंटो के दौरान यह उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। यह पाराद्वीप के दक्षिण और दक्षिण पू्र्वी दिशा में 320 किलोमीटर और बालासोर के दक्षिण, दक्षिण पूर्व में 430 किलोमीटर है। कल दोपहर इसके पाराद्वीप और सागर द्वीप और चांदबाली और धामरा के बीच लैंडफॉल होने की संभावना है।

12 घंटों में होगा भयंकर

IMD ने मंगलवार को पूर्वानुमान में बताया कि अगले 12 घंटों में यह तूफान भीषण रूप ले सकता है। IMD की ओर से आज जारी किए गए बुलेटिन में बताया गया, ‘पूर्व-उत्तर बंगाल की खाड़ी से भीषण चक्रवात यास उत्तर पश्चिम की ओर 9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है। अगले 12 घंटों में  यह और भयंकर हो सकता है। बुधवार, 26 मई की सुबह यह पश्चिम बंगाल व ओडिशा के तट के करीब पहुंचेगा।’

राहत शिविरों में पहुंचे बालासोर निवासी

ओडिशा के चांदीपुर में भी भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार 26 मई को चक्रवात बालासोर तट से टकराएगा और यहां लैंडफॉल हो सकता है। चक्रवात की आशंका को देखते हुए बालासोर जिले  से लोगों को निकाल कर चांदीपुर में बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचाने का काम जारी है। बालासोर की BDO नरेंद्र खामरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज दोपहर तक यह काम पूरा हो जाएगा। BDO ने आगे बताया, ‘हम सभी लोगों को दोपहर तक स्कूल और कॉलेज में बनाए गए अस्थायी आश्रय केंद्रों में शिफ्ट कर देंगे। वहां सभी के लिए खाने- पीने का इंतजाम किया गया है। वहां कोविड गाइडलाइन के हिसाब से व्यवस्था की गई है। लोगों से अपील है कि नजदीक के सुरक्षित घरों में पहुंच जाएं।’

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने सोमवार को  बताया, ‘कोरोना संकट  के साथ चक्रवात तूफान यास की इस  चुनौती में लोगों की जिंदगियों को बचाना प्राथमिकता है। तूफान प्रभावित इलाकों के सभी लोगों से मैं आग्रह करता हूं कि वे प्रशासन का सहयोग करें और राहत शिविरों में चले जाएं।’

ओडिशा सरकार ने NDRF व SDRF की टीमों सहित 150 अग्निशमन जवान और 35 पेड़ काटने वाली टीमों की तैनाती खतरे वाले इलाकों में की है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश के अनुसार, राहत व बचाव कार्य के लिए सचिव स्तर के पांच वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों को तैनात किया गया है। दूसरी तरफ, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि चक्रवात से खतरे वाले 20 जिलों में 4,000 राहत शिविर खोले गए हैं। 10 लाख लोगों को जोखिम वाले स्थानों से हटाकर सुरक्षित जगहों पर लाया जा रहा है। 51 आपदा प्रबंधन टीमों का गठन किया गया है।

तूफान के गुजरने के बाद तेजी से बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिए 1,000 पावर रेस्टोरेशन टीमें भी गठित की गई हैं। राज्य सचिवालय में कंट्रोल रूम खोला गया है, जहां मंगलवार से लगातार 48 घंटे हालात पर निगरानी रखी जाएगी। सागरद्वीप और सुंदरवन इलाकों में तटबंधों की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। चेन से बांधी गई ट्रेन व विमानतटवर्ती इलाकों में लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है। रेलवे स्टेशनों व कार शेड में ट्रेनों को चेन से बांध दिया गया है। पूर्व और दक्षिण पूर्व रेलवे ने 25 से 27 मई तक विभिन्न ट्रेनों को रद कर दिया है। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों को भी चेन से बांधा गया है। खिदिरपुर पोर्ट में भी ऐसा ही नजारा है। वहां बड़े पोत को चेन से बांधा गया है। 25 व 26 मई को ज्यादातर ट्रेनें रद रहेंगी।

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