Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
मई माह में करें ये कृषि संबंधी कार्य, टमाटर, बैंगन, मिर्च, नींबूवर्गीय फसलों में होगा फायदा - श्रीनारद मीडिया

मई माह में करें ये कृषि संबंधी कार्य, टमाटर, बैंगन, मिर्च, नींबूवर्गीय फसलों में होगा फायदा

मई माह में करें ये कृषि संबंधी कार्य, टमाटर, बैंगन, मिर्च, नींबूवर्गीय फसलों में होगा फायदा

 

मई महीने के कृषि कार्यों की जानकारी किसान भाइयों के लिए साबित होगी उपयोगी

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान खेती से संबंधित कार्य प्रभावित नहीं हों। इसको लेकर किसानों को मई माह में कोविड-19 गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए कृषि से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कार्य करने की सलाह दी जाती है जिससे उन्हें फायदा होगा। जैसा की आपको पता है कि हम हर महीने के अनुसार किसान भाइयों को कृषि से संबंधित जानकारी प्रदान करते हैं। इसी क्रम में इस बार हम मई महीने के कृषि कार्यों के बारे में आपको बता रहे हैं। आशा है ये जानकारी हमारे किसान भाइयों के लिए उपयोगी साबित होगी।

फलदार पौधे लगाने की करें तैयारी

जो किसानों को आगामी मानसून के समय फलदार पौधे लगाना चाहते हैं वे रेखांकन कार्य एवं गड्ढा खोदने का कार्य मई माह से लेकर जून के प्रथम सप्ताह तक कर सकते हैं। बडे फलदार पौधों (बेलपत्र, आंवला, खजूर) के लिए 1x1x1 मीटर का गड्डा तथा छोटे फलदार पौधे जैसे कि अमरूद, अनार, मौसमी, किन्नू आदि के लिए 60x60x60 सेमी. के गड्डे खोदें।

नीबूवर्गीय फसलों में करें सिंचाई

नीबूवर्गीय फसलों जैसे नींबू, मौसम्बी, किन्नू आदि के बाग में 5-6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। फलों को गिरने से बचाने हेतु एन.ए.ए. दवा का छिडक़ाव करें। यदि नींबू में फटने की समस्या हो तो पोटैशियम सल्फेट के 4 प्रतिशत घोल का छिडक़ाव करें। गर्मियों में उचित समय पर सिंचाई करें।

इन फलदार पौधों में करें ये कार्य

  • बेर के वृक्षों की कटाई- छंटाई का कार्य 15-20 मई तक पूरा करें।
  • बेलपत्र के पके हुए फलों की तुड़ाई करें व हल्की सिंचाई करें।
  • तरबूज व खरबूजा की फसल में उत्पादन बढ़ाने के किए एनपीके का 10-15 किग्रा/हेक्टेयर अनुसार प्रयोग करें।
  • लीची को फटने से बचाने हेतु भूमि में सिंचाई कर पर्याप्त नमी बनाये रखें। फल विगलन रोग के रोकथाम के लिए फलों के पकने से 20-25 दिन पूर्व काबेन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लू.पी. 2.0 प्रतिशत (दो ग्राम दवा/लीटर पानी) का छिडक़ाव करें।
  • टमाटर, भिंडी और बैंगन की फसल की रोगों से करें सुरक्षा-
  • इस समय टमाटर व भिंडी की फसल में फल छेदक कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है जिसके नियंत्रण के लिए क्विनोल्फास 25 प्रतिशत ईसी, 1 एमएल/ली. अथवा फ्लुबेनडि़माइड 20 दवा का 5 ग्राम/10 ली. पानी के हिसाब से छिडक़ाव करें।
  • बैंगन में यदि फल तथा तना छेदक का आक्रमण हो तो फ्लुबेनडि़माइड 20 दवा का 5 ग्राम/10 ली. पानी या एमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत ईएसजी का 4 ग्राम/10 ली. पानी के अनुसार प्रयोग करें।
  • अदरक व हल्दी में खेत की तैयारी के समय प्रति हेक्टेयर 200-250 कुन्तल गोबर की खाद या 75 कुन्तल नादेप कम्पोस्ट प्रयोग करें।
  • प्याज की पछेती फसल की खुदाई की तैयारी करें व उचित भंडारण की व्यवस्था करें।
  • मिर्च की फसल में उत्पादन बढ़ाने के किए एनपीके का 10-15 किग्रा/हेक्टेयर अनुसार प्रयोग करें।
  • कद्दूवर्गीय फसलों में तैयार फलों को तोडक़र बाजार भेजें तथा अगेती फसलों को वर्षा ऋतु में प्राप्त करने के लिए लौकी, तोरई, करेला व खीरा की फसलों की बुवाई के लिए खेत की तैयारी शुरू कर दें।

गुलाब में करें आवश्यकतानुसार सिंचाई

  • गुलाब में आवश्यकतानुसार सिंचाई एवं गुड़ाई करें।
  • मैंथा में 40-50 किग्रा नाइट्रोजन की तीसरी व अन्तिम टाप ड्रेसिंग करें।

इन फसलों की देखभाल भी है जरूरी

Leave a Reply

error: Content is protected !!