कोरोना त्रासदी में दो और शिक्षकों की टूटी सांसें
श्रीनारद मीडिया, चमन श्रीवास्तव, सीवान (बिहार):
कोरोना की दूसरी लहर जीरादेई प्रखंड के शिक्षक व उनके परिजनों के लिए आफत बनकर आयी है। आए दिन शिक्षक व उनके परिजनों के सांस टूटने का कहर जारी है। कोरोना त्रासदी में अब तक प्रखंड के एक दर्जन से अधिक शिक्षक व उनके परिजनों की लाशें कब्र में दफन हो चुकी हैं । वहीं वर्तमान में कई शिक्षक व उनके परिजन इसके रडार पर हैं। इसी क्रम में उ०म०वि० बढ़ेया के सहायक शिक्षक व बलईपुर के संकुल समन्वयक मुस्ताक अंसारी शनिवार की सुबह जिंदगी से जंग हार गए। वे सदर अस्पताल सीवान में कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे। अचानक हालत बिगड़ने पर शुक्रवार को उन्हें पटना एम्स के लिए रेफर किया गया था। अफसोस उन्होंने रास्ते में ही दम
तोड़ दी। वे दरौली प्रखंड के भिटौली गांव के मूल निवासी थे। उनके निधन पर बीआरसी परिवार, संकुलाधीन विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक व शिक्षकों ने गहरी संवेदना प्रकट की है। उनके विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामाशंकर बैठा व पूर्व संकुल समन्वयक प्रकाश कुमार ने उनके निधन को शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। वहीं एम एस संजलपुर के संकुल समन्वयक प्रेम किशोर पांडेय के सेवानिवृत्त शिक्षक पिता दिवंगत रघुराज पांडेय का ह्रदय गति रुकने से निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। चिकित्सकों के परामर्शानुसार वे तकरीबन 20 दिनों से वेंटिलेटर पर थे। गुरुवार की सुबह मोहम्मदपुर स्थित आवास पर उन्होंने प्राण त्यागा। उनके परिजन व संबंधियों द्वारा दरौली घाट पर उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। उनकी मौत की खबर से क्षेत्र व शिक्षा जगत में शोक की लहर फैल गई है। उनके निधन पर विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों के साथ-साथ अलग-अलग शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने भी गहरी संवेदना प्रकट की है।
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