बिहार के हर जिले में खुलेगा 2 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल, बिहार सरकार हर स्कूल को देगी 20 लाख का अनुदान
श्रीनारद मीडिया, मनोज कुमार सिंह, बैकुंठपुर गोपालगंज (बिहार ):
कोरोना काल में लोगों को रोजगार के लिए बिहार सरकार के द्वारा नए-नए अवसर उपलब्ध कराई जा रही है। नीतीश कुमार सरकार बिहार के हर जिले में 2 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने जा रही हैं। ड्राईविंग ट्रेनिंग स्कूल को खोलने के लिए राज्य सरकार 20 लाख का अनुदान देगी।
राज्य भर में कुल 76 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का निर्माण होना है और कई जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके अलावा कई जिलों में सिविल वर्क का काम चल रहा है । इस प्रकार मोटर ड्राइविंग की
प्रशिक्षण से कम होगी बिहार में सड़क की दुघर्टना।
बिहार सरकार की परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी के द्वारा बताया गया है कि सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से वाहन चालकों को पूर्व से ही प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है।प्रशिक्षण के अभाव में वाहन चलाने के दौरान वाहन चालक अक्सर गलतियां करते हैं और दुर्घटना के शिकार होते हैं। इससे सड़क दुर्घटना में कमी आ सकेगी। ट्रेनिंग स्कूलों में जहां नौसिखिया वाहन चालकों को कुशल वाहन चालन का प्रशिक्षण मिल सकेगा। निजी क्षेत्र के संस्थानों / व्यक्तियों को रोजगार का एक बड़ा अवसर मिलेगा। वहीं परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा है कि लोगों में बढ़ती अभिरुचि से स्कूल खोलने के लक्ष्य को 61 से बढ़ा कर 76 किया गया है। बिहार के कई जिलों में जोरों से सिविल वर्क का कार्य चल रहा है , जिसके तहत ड्राईविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने
के लिए निर्माण की प्रक्रिया कई जिलों में तीव्र गति सेशुरु हो गई है। जहानाबाद, कटिहार, रोहतास और कैमूर में सिविल वर्क का काम चल रहा है। जिलों में इसका निर्माण न्यूनतम 2 एकड़ भूमि पर किया जाना है। राज्य के निजी क्षेत्र में इच्छुक संस्थानों / व्यक्तियों द्वारा आधुनिक तकनीकी आधारित मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना शुरू की गई हैं। बिहार सड़क सुरक्षा परिषद र्ओर से राशि का आवंटन किया जा चुका है।
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए अनुदान के रुप में कुल प्राक्कलित राशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपए दोनों में जो न्यूनतम होगा, वह 6 चरणों में मिलेगा। इसका आवंटन बिहार सड़क सुरक्षा परिषद् द्वारा जिला पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा।
सेमुलेटर आधारित ट्रेनिंग
ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में ट्रैक पर ट्रेनिंग देने के साथ ही सेमुलेटर आधारित ट्रेनिंग भी दी जाएगी। सभी मोटर ड्राइवर ट्रेंनिंग स्कूल में सिमुलेटर रखना एवं सिमुलेटर बेस्ड ट्रेंनिंग देना अनिवार्य किया गया है। बताते चलें कि बिहार में प्रति वर्ष सड़क दुघर्टना में मरने वालों की औसत आंकड़ा 6800के आसपास है ,जबकि घायल हुए लोगों की संख्या भी इतनी ही है।उम्मीद किया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किए गए व्यवस्था से आंकड़े में काफी हद तक कमि आएगी।
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