सितंबर में हो सकते हैं पंचायत चुनाव, निर्वाचन आयोग तैयारियों में जुटा
राज्य निर्वाचन आयोग बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की तैयारियाें में जुट गया है। आयोग ने चुनाव के लिए अन्य राज्यों से ईवीएम मंगाने के लिए पत्र लिखा है। पंचायत चुनाव के लिए पूरे बिहार में 1.20 लाख बूथ बनाए गए हैं। ऐसे में त्रिस्तीय चुनावों के लिए बड़ी संख्या में ईवीएम की जरूरत पड़ेगी। बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल 15 जून को खत्म हो रहा है। इससे पहले ही पंचायत चुनाव होने थे। मगर पहले राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग के बीच ईवीएम से चुनाव कराने को लेकर चले लंबे विवाद के कारण चुनाव नहीं कराया जा सका। विवाद पटना हाई कोर्ट तक पहुंचा था। अंत में जब विवाद सुलझा तब काेरोना की दूसरी लहर ने कहर ढाना शुरू कर दिया था। जिसके कारण समय पर त्रिस्तीय पंचायत चुनाव संपन्न नहीं कराए जा सके।
16 जून से लागू हो जाएगी नई व्यवस्था
2016 में गठित त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था और ग्राम कचहरी 15 जून को स्वत: भंग हो जाएगी। 16 जून से बिहार में पंचायती राज की नई व्यवस्था- परामर्शी समिति काम करने लगेगी। त्रिस्तरीय पंचायतों के संचालन के लिए परामर्शी समिति में जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद के लिए अलग-अलग परामर्शी समिति गठित की जाएगी। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि यथा ग्राम पंचायत का मुखिया ग्राम पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष होंगे। सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट में पंचायती राज अधिनियम-2006 में संशोधन और परामर्शी समिति गठित करने का प्रस्ताव पास हो चुका है। राज्यपाल फागू चौहान ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद पंचायती राज विभाग अध्यादेश का मसौदा तैयार करने में जुटा है। बिहार में ऐसा पहली बार हो रहा है कि पंचायती राज व्यवस्था के संचालन के लिए परामर्शी समिति का गठन हो रहा है।