बिहार में गेहूं खरीद का आठ साल का रिकॉर्ड टूटा, अभी एक सप्ताह होगी खरीद.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कारोना काल में उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थियों से जूझते हुए सहकारिता विभाग ने गेहूं खरीद का रिकॉर्ड बना दिया। इस बार अब तक ढाई लाख टन से अधिक खरीद हो गई है, जो पिछले आठ साल में सबसे अधिक है। खरीद अभियान बंद होने में एक सप्ताह और बाकी है। उम्मीद की जा सकती है कि तीन लाख टन खरीद हो जाएगी।
लाभ लेने में पटना के किसान आगे
खरीद अभियान में इस बार अब तक 51 हजार से अधिक किसानों ने समर्थन मूल्य का लाभ लिया है। इन किसानों ने दो लाख 52 हजार 891 टन गेहूं सरकारी क्रय केन्द्रों पर बेचा है। सबसे अधिक 15 हजार 774 टन गेहूं बेगूसराय के किसानों ने बेचा है। 13 हजार 579 टन के साथ रोहतास दूसरे नम्बर पर तो 12 हजार 860 टन के साथ पटना तीसरे नम्बर पर है। लाभ लेने वाले किसानों की संख्या की बात करें तो 3208 किसानों के साथ पटना पहले नम्बर पर है। 3046 किसानों के साथ बेगूसराय दूसरे और 2692 किसानों वाले नालंदा तीसरे नम्बर पर है।
पांच साल से बंद जैसा था अभियान
राज्य में गेहूं की सरकारी खरीद पिछले पांच सालों से लगभग बंद सी हो गई थी। पांच सालों में कोई ऐसा साल नहीं है जब 25 हजार टन से अधिक खरीद हुई हो। इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार ने इसबार लक्ष्य घटाकर एक लाख टन कर दिया था। बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्ताक्षेप से समय और लक्ष्य दोनों बढ़ाया गया। पहली बार अभियान 15 जनू तक चलेगा। लक्ष्य भी सात लाख टन कर दिया गया है।
किसानों की सूची बनाने से हुआ लाभ
कृषि विभाग के कर्मियों को गेहूं खरीदने को इच्छुक किसानों की सूची बनाने की दी गई जिम्मेवारी कितनी सफल हुई यह तो विभाग ही बताएगा, लेकिन इसका असर दिखने लगा है। धान के समय भी यह व्यवस्था की गई थी तो खरीद का नया रिकॉर्ड बना था। इस बार तो परिस्थितियां भी प्रतिकूल थी। कोरोना ने सहकारिता विभाग के मुख्यालय से लेकर जिला तक के कर्मियों को अपनी चपेट में ले लिया था। गांवों में भी डर का माहौल था सो कई गांवों में कर्मियों के प्रवेश से भी रोका जा रहा था। बावजूद लक्ष्य के करीब पहुंचना विभाग की बड़ी उपलब्धि है।
गेहूं की सरकारी खरीद
2.53 लाख टन इस साल अब तक
4.5 हजार टन वर्ष 2020 में
3.5 हजार टन वर्ष 2019 में
24 हजार टन वर्ष 2018 में
खरीद का पुराना रिकॉर्ड (टन में)
वर्ष लक्ष्य खरीद
2012 15,00,000 305000
2011 10,50,000 503000
2010 10,50,000 164000
2009 8,50,000 496000
2008 7,00,000 498000
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