Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
नए PM नाफ्ताली बेनेट के कार्यकाल में कैसा रहेगा भारत-इजरायल संबंध? - श्रीनारद मीडिया

नए PM नाफ्ताली बेनेट के कार्यकाल में कैसा रहेगा भारत-इजरायल संबंध?

नए PM नाफ्ताली बेनेट के कार्यकाल में कैसा रहेगा भारत-इजरायल संबंध?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

12 साल बाद सत्‍ता से बेदखल हुए नेतन्याहू.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

इजरायल में नई सरकार का गठन हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (71) की जगह अब देश की कमान कट्टरपंथी नाफ्ताली बेनेट के हाथों में हैं। नेतन्याहू के 12 साल का कार्यकाल खत्म हो गया। आठ पार्टियों की गठबंधन वाली सरकार में खास बात यह है कि सरकार में पहली बार अरब मुस्लिम पार्टी राम भी शामिल है। इजरायल में बेनेट को सत्‍ता ऐसे समय मिल रही है, जब देश के समक्ष अपार चुनौतियां है। आखिर बेनेट के समक्ष क्‍या होगी बड़ी चुनौती। भारत-इजरायल संबंधों पर क्‍या पड़ेगा असर।

आखिर कौन हैं इजरायल के नए पीएम

  • 49 साल के नाफ्ताली बेनेट इजराइल के नए प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए हैं। बेनेट किसी समय पूर्व प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू के बेहद करीबी माने जाते थे
  • वर्ष 2006 से 2008 तक वह इजरायल के चीफ ऑफ स्‍टाफ रहे। 2013 में कट्टरपंथी होम पार्टी से पहली बार निर्वाचित हुए। 2019 तक हर गठबंधन सरकार में मंत्री रहे।
  • बेनेट सिर्फ यहूदी राष्‍ट्र की पैरवी करते आए हैं। वह नेता के अलावा कारोबारी भी हैं। कट्टरपपंथियों को फांसी देने के पक्षधर हैं। वेस्‍ट बैंक में यहूदी बस्तियां बनाने के पक्षधर रहे। उन्‍होंने फ‍लस्‍तीन को अलग राष्‍ट्र मानने से इनकार किया है।
  • नए प्रधानमंत्री बेनेट हाईटेक धन कुबेर हैं। उनके साथ सरकार में वामपंथी दलों, मध्यमार्गी दल और अरब पार्टी भी साझीदार है। बेनेट ने याइर लैपिड के साथ मिलकर गठबंधन तैयार किया है।

स्थिर रहेंगे भारत-इजरायल के संबंध

  • प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि भारत और इजरायल की दोस्‍ती काफी गाढ़ी है। दोनों देश आतंकवाद और कट्टरवाद से पीड़‍ित है। भारत और इजरायल दोनों इस मोर्चे पर एक साथ संघर्ष कर रहे हैं। हाल के दिनों में दोनों देशों एक-दूसरे के निकट आए हैं। आतंकवाद से निपटने के लिए दोनों देश एक दूसरे के रणनीतिक साझेदार भी है। दोनों देशों के बीच रक्षा और समारिक संबंध भी है। भारतीय सेना के लिए इजरायल कई तरह के आयुधों और शस्‍त्रों की आपूर्ति करता है। शस्‍त्रों की आपूर्ति में इजरायल की बड़ी हिस्‍सेदारी है।
  • उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समकक्ष रहे इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मधुर संबंध रहे। उन्‍होंने कहा कि दोनों नेताओं के व्‍यक्तिगत संबंधों का लाभ दोनों देशों को मिला है। दोनों देशों के बीच जल, कृषि और इनोवेशन के क्षेत्र में व्‍यापक सहयोग है। दोनों देशों सामरिक और रणनीतिक क्षेत्र में साझेदार भी हैं। कोविड-19 महामारी के खिलाफ भी दोनों देश पारस्‍परिक सहयोग कर रहे हैं।
  • प्रो. पंत का कहना है कि इजरायल में सत्‍ता में बदलाव से भारत के साथ संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसकी एक बड़ी वजह दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और समान हित हैं। दूसरे, इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि नए प्रधानमंत्री बेनेट की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं आएगा। वह नेतन्याहू की रणनीति को ही आगे बढ़ाएंगे। इससे यह साफ है कि भारत और इजरायल के संबंधों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।

बेनेट के समक्ष तीन बड़ी चुनौती

 

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!