बिहार में बारिश का कहर,कल और खराब होगा मौसम.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में मानसून की बारिश फिलहाल थमने के आसार नहीं हैं। कुछ जिलों में तो बारिश की वजह से बाढ़ के हालात होने लगे हैं। गंडक नदी के प्रवाह वाले नेपाल से सटे जिलों में खतरा अधिक है। पटना के मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 17 जून यानी गुरुवार को पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, बेगूसराय और लखीसराय में और अधिक बारिश हो सकती है। इस दौरान बादल कड़कने और बिजली गिरने की आशंका भी बनी रहेगी। पश्चिमी चंपारण, सिवान, सारण, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज जिले के लिए भी विभाग ने गुरुवार के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। प्रदेश के बाकी हिस्सों में भी कल बारिश होती रहेगी। कुछ जिलों के लिए ब्लू तो कुछ के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मानसून की वजह से हो रही खूब बारिश
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि वर्तमान में राज्य में मानसून मेहरबान है। प्रदेश के उत्तरी भाग से लेकर बंगाल की खाड़ी तक मानसून के अनुकूल वातावरण बना है। राजधानी में पिछले 36 घंटे में 43 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। वहीं, जून में अब तक राजधानी में 111.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। सामान्यत: अब तक राजधानी में 57.8 मिमी बारिश होनी चाहिए। राज्य में सर्वाधिक बारिश पश्चिमी चंपारण में हुई है। वहां पर जून में 80 मिमी बारिश सामान्यत: होनी चाहिए, लेकिन अब तक 339 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है।
हिमालय की तराई में बादल रुककर बरसते हैं
इसी तरह सिवान, गोपालगंज, सारण में भी सामान्य से बहुत ज्यादा बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि वर्तमान में बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी झारखंड होते हुए उत्तर की ओर बढ़ रही है। नमीयुक्त हवा जब चंपारण के इलाके में आगे बढ़ती है तो हिमालय की तराई में रुकावट पैदा होता है, जिससे भारी बारिश होती है।
रेड अलर्ट का मतलब काफी अधिक बारिश होने की आशंका
रेड अलर्ट जारी होने का मतलब काफी अधिक बारिश होना है। इससे बाढ़ जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं। जिन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी हुआ है, वहां पहले ही काफी बारिश होने से स्थिति बिगड़नी शुरू हो गई है। सीमावर्ती जिलों के गांवों में बाढ़ का पानी आने लगा है। वहीं, मंगलवार को भी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी बारिश रिकार्ड की गई।
बिहार में मानसून सक्रिय होने के बाद कई जिलों में बारिश तेज हो गयी है, जिसके कारण कुछ जिलों में अभी से बाढ का खतरा मंडराने लगा है, ऐसे में बाढ के दौरान राहत बचाव के लिये एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की 16 टीमों को विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है. टीम में तैनात सभी जवानों को कोविड के कारण विशेष ट्रेनिंग दी गयी है, ताकि जवान खुद को सुरक्षित रखते हुए बाढ प्रभावित गांव गांव में लोगों तक राहत पहुंचा सकें.
यहां की गयी एनडीआरएफ की तैनाती– बाढ की संभावना को देखते हुए बुधवार को अररिया, सुपौल, दरभंगा किशनगंज, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मोतिहारी, बेतिया पटना जिलों में तैनात किया गया है. बाकी जिलों में जरूरत के हिसाब से जल्दी ही एनडीआरएफ टीमें तैनात कर दी जायेगी.
आपदा प्रबंधन विभाग में बना कंट्रोल रूम– आपदा प्रबंधन विभाग में संभावित बाढ को देखते हुए कंट्रोल रूम भी शुरू किया गया है, जो 24 घंटे काम करेगा. इसमें आपदा विभाग के अलावे स्वास्थ्य विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएचइडी व पुलिस सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी रहेंगे, जो बाढ प्रभावित जिलों में आयी परेशानियों का निबटारा करेंगे
टीम को दी गयी है बाढ बचाव के लिये विशेष उपकरण– सभी टीमें अत्याधुनिक बांढ बचाव उपकरण, कटिंग टूल्स व उपकरण संचार उपकरण, मेडिकल फर्स्ट रेस्पांडर किट, डीप डाइविंग सेट इनफ्लैटेबल लाइटिंग टावर आदि से लैस है. टीमों में कुशल गोताखोर तैराक और मेडिकल स्टाफ मौजूद हैं, जो कि बाढ़ आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्य में लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने में सक्षम है और बचावकर्मी सदैव तत्पर रहेंगे.
एनडीआरएफ बिहटा पटना की 10 टीमों को इस वर्ष मानसून के दौरान संभावित बाढ़ के खतरे के मद्देनजर बिहार राज्य के अलग-अलग जिलों में तैनात किया जा रहा है.
कमांडेंट विजय सिन्हा, एनडीआरएफ
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