विकास की पोल खोलती नारायणपुर-गलिमापुर सड़क
श्रीनारद मीडिया, मनीष कुमार, सीवान (बिहार)*
डबल इंजन की सरकार अपने किये विकास कार्यो का लगातार ढोल पिट रही है पर अगर वास्तव में विकास की गंगा देखनी है तो सिवान जिले के नौतन प्रखंड क्षेत्र का एक सड़क विकास के दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।नौतन प्रखंड के गंभीरपुर पंचायत के नारायणपुर से गलिमापुर जाने वाले मुख्य मार्ग की यानी नागेंद्र साह के घर से गलिमापुर जाने वाले सड़क और पुल के रास्ते गलिमापुर के बच्चे दामोदर उच्च विद्यालय नारायणपुर में शिक्षा लेने के लिए आते-जाते है,जो ब्रिटिशकाल से लेकर अब तक अपने जीर्णोद्धार के लिए अहिल्या की तरह उस राम की राह देख रही है, जो आकर इसका कायाकल्प कर सके। यह जर्जर सड़क पक्कीकरण के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की राह देख रही है।इस रास्ते के साइड में नाला बना हुआ है लेकिन नाले का दुरुपयोग करते हुए लोग अपने-अपने घरों के सामने भर दिए है,जिसके चलते सड़क पर वर्षा के पानी के साथ साथ नाली के पानी भी सड़क पर लग जाता है।कुछ लोग अपने घरों के सामने सड़क पर मिट्टी गिरा कर ऊंचा कर दिए है जहाँ मिट्टी नही गिरा है वहा की सड़क झील में तब्दील हो जाती है,जिससे राहगीरो के साथ साथ उस क्षेत्र के लोगो को आने जाने में काफी परेशानी होती है।
इस सड़क की समस्या को मीडिया के माध्यम से कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों की नजर में लाया गया।
केंद्र से लेकर सूबे की सरकार द्वारा सड़क निर्माण के लिए चलायी जा रही तमाम तरह की योजनाएँ यहाँ पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती हैं,नारायणपुर से गलिमापुर जाने वाले सड़क पर एक पुल बना हुआ है,लेकिन पुल के दोनों तरफ गढ्ढा होने के कारण बारिश के दिनों में पानी लग जाता है,जिसके चलते यह रास्ता बिल्कुल बंद हो जाता है।इस सड़क पर सदैव दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। यह सड़क आज भी सरकार के विकास के दावों की पोल खोल रही है।ऐसी अन्य भी सड़कें हैं, जो जनप्रतिनिधियों से लेकर सरकार के पदाधिकारियों तक की उपेक्षा का दंश झेल रही हैं। ऐसे में सरकार द्वारा किये जा रहे विकास के दावों की जमीनी हक़ीक़त क्या है, इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
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