बिहार की नदियां खतरे के निशान से ऊपर,बाढ़ को रोकने में जुटी सरकार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्कबिहार में भारी बारिश के बाद बाढ़ के कहर को रोकने में सरकार जुट गई है. बाढ़ के दौरान प्रशासनिक सुविधा मुहैया कराने के लिए एक ओर जहां टोल फ्री नंबर जारी किया गया है. वहीं सरकार की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों में डॉक्टरों की तैनाती के लिए भी रोस्टर बनाया गया है.
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने ट्वीट कर कहा कि बाढ़ से सुरक्षा में जनसहभागिता के लिए विशेष पहल. तटबंधों में कटाव/ रिसाव/ पाइपिंग आदि की सूचना 24×7 हेल्पलाइन नं. 1800 3456 145 पर फोन करके, या ट्विटर/फेसबुक पर हैशटैग HelloWRD के साथ पोस्ट कर जल संसाधन विभाग तक पहुंचाएं. कृपया बाढ़ से सुरक्षा के हमारे प्रयासों में सहयोग करें.
डॉक्टरों का रोस्टर तैयार– इधर, बाढ़ प्रभावित जिलों में डॉक्टरों की तैनाती के लिए रोस्टर तैयार होने लगा है. सरकार की ओर से जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी किया जा सकता है. वहीं हरेक घरों में गंभीर मरीजों, गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, जिन्हें देखभाल की जरूरत हैं, उनको आशा व एएनएम के माध्यम से चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है.
बिहार के इन जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ा- बिहार के अररिया, सुपौल, दरभंगा किशनगंज, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मोतिहारी, बेतिया और पटना जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जिसके बाद आपदा विभाग ने इन जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 16 टीमें तैनात की है. बता दें कि गंडक, भूतही बलान और कमला नदी का जलस्तर रेड निशान से ऊपर है.
राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लगातार बारिश से गंडक, कमला बलान, कोसी सहित अन्य नदियां उफान पर हैं. वहीं गंडक नदी का जलस्तर बुधवार के बाद गुरुवार को भी गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया. वहां खतरे का निशान 62.22 मीटर है जबकि इसका जलस्तर 62.80 मीटर था. इसके जलस्तर में बढ़ोतरी के संकेत हैं. जल संसाधन विभाग लगातार बाढ़ से सुरक्षा व्यवस्था की मॉनीटरिंग कर रहा है. विभाग ने अपने सभी बांधों को सुरक्षित बताया है.
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार राजधानी पटना सहित अन्य स्थानों पर गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही पटना के श्रीपालपुर में पुनपुन नदी में बढ़ोतरी के संकेत हैं. गंगा का जलस्तर बक्सर में खतरे के निशान से करीब 10 मीटर नीचे है्.
पटना के दीघा घाट पर करीब पांच मीटर, गांधी घाट पर करीब चार मीटर, हाथीदह में करीब पांच मीटर, मुंगेर में करीब आठ मीटर, भागलपुर में करीब सात मीटर, कहलगांव और साहेबगंज में करीब 5.5-5.5 मीटर नीचे था. इसमें बढ़ोतरी के संकेत हैं.
इसके साथ ही कोसी नदी का जलस्तर सुपौल जिले के बसुआ में करीब 1.11 मीटर, खगड़िया जिला के बलतारा में 1.65 मीटर और कटिहार जिले के कुरसेला में 5.21 मीटर नीचे था. इसमें भी बढ़ोतरी के संकेत हैं.
कमला बलान नदी का जलस्तर मधुबनी जिले के जयनगर में खतरे के निशान से करीब 20 सेंमी नीचे था. वहां जलस्तर घट रहा है. मधुबनी जिले के झंझारपुर में 1.23 मीटर नीचे था. वहां जलस्तर स्थिर है.
बिहार में मानसून के प्रवेश केे साथ ही तेज बारिशों का दौर शुरू हो गया है. सीमावर्ती क्षेत्रों के पास बने विशेष चक्रवाती सिस्टम के कारण कई इलाकों में भीषण बारिश जारी है. वहीं नेपाल मेंं हो रही तेज बारिश का असर भी बिहार पर पड़ा है. सूबे के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं.
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