लोग कोरोना के कारण नही बल्कि वक्त पर ईलाज और व्यवस्था नही होने के कारण मारे गए भाकपा माले
कोविड काल में मारे गए लोगों की याद में श्रद्धांजलि सभा
श्री नारद मीडिया
दरौली अमित कुमार
थाना क्षेत्र के
पार्टी कार्यालय सहित दरौली के विभिन्न इलाकों में कैंडल जलाकर दी गई श्रद्धांजिल
श्रीनारद मीडिया, अमित कुमार, दरौली, सीवान (बिहार):
अपनो की याद में
हर मौत को गिने हर गम को बाटे।
हर एक मौत की जिम्मेवार हैं सरकार हम तो पूछेगे सवाल।
कोविड 19 और अन्य संदर्भो में मारे गए लोगो की शोक में
श्रद्धांजलि सभा।
भाकपा-माले पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाकपा माले प्रखंड सचिव बचा भगत,लालबहादुर कुशवाज,जगजीतन शर्मा,शिवनाथ राम आदि नेताओं के साथ स्थानीय मुहल्ले के लोगों ने भी कैंडल जलाकर सभी मृतकों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
इस मौके पर विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि जब सरकारों ने हाथ खींच लिए तब देश के नागरिकों ने एक दूसरे का हाथ थामकर कोविड-19 की चुनौतियों का सामना किया है. कोरोना वायरस, और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण हमारे हजारों लोग मारे गए. कोविड पेशेंट के साथ-साथ बड़ी संख्या में डाॅक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की भी मौत हुई है. बिहार में सबसे अधिक डाॅक्टरों की मौत हुई है. जिन लोगों की पहचान कोविड पेशेंट के रूप में हो गई, उससे बहुत बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जिनका कोविड जांच ही नहीं हुआ, लेकिन उनके तमाम लक्षण कोविड के ही थे और वे भी मौत के शिकार हुए. इनौस राज्य परिषद सदस्य जगजीतन शर्मा व मुखिया लालबहादुर ने कहा कि इन तमाम मौतों को सरकार को कोविड से हुई मौत की श्रेणी में गिनना चाहिए. हम इस अभियान को इसलिए चला रहे हैं कि आने वाले दिनों में ऐसा दर्द फिर से न झेलना पड़े क्योंकि हम जानते हैं कि कोविड की तीसरी लहर फिर से आने वाली है.
कोविड के अलावा कोई जानलेवा ब अस्पतालों में जगह न होने से उनकी जान गई. जलाने, दफनाने की जगह कम पड़ गई. गरीबों ने अपने आंसुओं के साथ अपनों को नदी में बहा दिया या नदी किनारे कफन डाल विदा किया। प्रखंड सचिव बचा भगत ने
कहा कि सरकारें तो इन मौतों को गिनना, मानना नहीं चाहतीं. दुनिया न गिन पाए इसके लिए वे नदी किनारे दफनाई गई लाशों से कफन तक हटवा दे रही हैं. मौतों की गिनती न करके, सरकारें हमारे प्यारे अपनों को भुला देना चाहती हैं. पर हम अपनों को भुला नहीं सकते. इनमें से हरेक का नाम है, जिसे याद रखना जरूरी है, उनके लिए अपने प्यार को जिंदा रखना जरूरी हैं।
हम याद रखेंगे
1,पिछले लॉकडाउन में पैदल घर लौटते मजदूर को
2,भूख से खत्म हुई बचे,बुजुर्ग को
3,तूफान, बाढ़,सुखाड़ में खत्म हुए लोगों को
4,नफरत या झूठ से उकसाये भीड़ की हिंसा में मारे गए लोगों को
5,साम्प्रदायिक जातिगत या पितृसत्तात्मक हिंसा में मारे गए लोगो को
6,पुलिस दमन में मारे गए लोगो को
7,सीवर कु सफाई करते हुए मारे गए सफाईकर्मी को
.मौके पर शिवनाथ राम,बबन राजभर,वीरेंद्र राजभर,जगजीतन शर्मा,बचा भगत,कृष्णकुमार,,धर्मेन्द्र गुप्ता,
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