Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
गंगा दशहरा के पावन अवसर पर गंगाटट पर श्रद्धालुओ ले लगाई डुबकी - श्रीनारद मीडिया
Breaking

गंगा दशहरा के पावन अवसर पर गंगाटट पर श्रद्धालुओ ले लगाई डुबकी

गंगा दशहरा के पावन अवसर पर गंगाटट पर श्रद्धालुओ ले लगाई डुबकी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

# जलालपुर कोठेया में विदेशी ब्रह्म मेला में भी  भक्तों ने की पूजा

श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी, छपरा (बिहार):


छपरा । गंगा दशहरा के अवसर पर सैकडो लोगो ने गंगा के पवित्र जलधारा मे डुबकी लगाकर कायिक,वाचिक व मानसिक पापो से मुक्ति हेतु प्रार्थना किया।आमी,मेहरौली,राघोबाबा,डोरीगंज, चिरान्द, बंगाली बाबा आदि घाटो पर श्रद्धालुओ को गंगातट पर डुबकी लगाते व पूजापाठ करते देखा गया।श्रद्धालुओ ने गंगा मे डुबकी लगाकर गंगा पूजन किया और दानपूण्य कर पूण्य के भागी बने।आमी और बंगालीबाबा के मंदिर मे नर-नारियो व बच्चो ने गंगा स्नान व दान पूण्य के बाद पूजा अर्चना किए।सनातन धर्मशास्त्रीय मतानुसार ज्येष्ठ शुक्लपक्ष गंगा दशहरा को गंगा मे स्नान करने से मनुष्य के ज्ञात अज्ञात पापो से छुटकारा मिल जाता है।मन,कर्म व वचन से जाने अनजाने मे किए गए पापो से मुक्ति की प्रार्थना हेतु गंगा दशहरा के दिन को परम पवित्र व पावन दिवस बताया गया है।वैदिक काल मे गंगा दशहरा के दिन ही भगीरथ मुनी के अथक तपश्या से प्रशन्न हो गंगा मैया धरती पर अवतरित हुई।
भारतवर्ष के उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला स्थित हिमालय पर्वत के गंगोत्री से निकलकर देव प्रयाग मे अलकनंदा से मिलती है।अलकनंदा मे संगम के पश्चात गंगा का निर्माण होता है।इसके बाद पवित्र गंगा नदी अन्य सहायक नदियो से मिलकर उत्तर प्रदेश बिहार होते हुए बंगाल की खाडी मे जाकर गिरती है।इनकी कुल लंबाई 2510 किलोमीटर है ।यह भारत मे बहने वाली सभी नदियो मे ही नही विश्व के सभी नदियो मे परम पावन व श्रेष्ठ मानी जाती है।इनके जल मे वर्षो बाद भी कीडे नही लगते।विदेशी शैलानी भी गंगाजल को भरकर अपने स्वदेश लेकर जाते देखे जा सकते है।

गंगाजल व गंगाजल युक्त शुद्ध जल से भडे धडे का दान
गंगा दशहरा के पावन अवसर पर श्रद्धालुओ ने गंगाजल युक्त जल से भरे सुराही/घडा का दान दक्षिणा सहित मंदिरो मे व ब्राम्हणो को किया।हिन्दु धर्मशास्त्र मे ऐसा माना जाता है कि गंगा दशहरा को जल से भडे घडे का गंगा मे स्नान कर दान करने जीवन मे आने वाले बाधाओ से छुटकारा मिलता है और मन मे शान्ति मिलती है।व्यवहारिक दृष्टिकोण से भी जल से भडे सुराही व घरा का दान उत्तम माना गया है।गर्मी के दिनो मे मानवीय दृष्टिकोण रखने वाले विभूतियो द्वारा चौक चौराहो पर निःशुल्क जल वितरण का पावन कार्य किया जाता है।सर्व विदित है कि तीर्थ यात्रियो व कावरियो को भी मिष्टान खिलाकर जल व शर्बत पिलाने की परंपराये है।

# जलालपुर के कोठेया में हजारों भक्तों ने की विदेशी ब्रह्म बाबा की पूजा

जलालपुर के कोठेया में आईटीबीपी कैम्प के समीप स्थित बिदेशी ब्रह्म स्थान में भव्य मेला लगा। जहा हजारों भक्तों ने बिदेशी बाबा की पूजा अर्चना की।इस साल वारीस के कारण भक्तों की भीड़ कम रही। बाबा की पूजा मुख्य रूप से शादी विवाह वाले लोग ककरवल बुकवा से करते हैं। वही इस मेले के आयोजन में मुख्यरूप से सबीन्द्र सिंह के अलावा अन्य कई लोग मौजूद थे।

 

इसे भी पढ़े

शिवहर डीएम के खिलाफ उनकी ही पत्नी ने कराई FIR, पुलिस के समक्ष लगाए संगीन आरोप

सीवान के जुड़कन में बम बिस्‍फोट होने से पिता-पुत्र घायल

छपरा में बारिश ने खोली विकास की पोल,पूरा शहर झील में तब्दील

भारत में दो महीने के भीतर दस्तक दे सकती है कोरोना की तीसरी लहर- एम्स चीफ

नेपाल में अचानक आई बाढ़ ने कहर बरपाया, अब तक 16 लोगों की मौत, 22 लापता 

मुजफ्फरपुर: SKMCH में MISC बीमारी से संक्रमित एक बच्चा मिलने से मचा हड़कंप, जानें इस बीमारी का लक्षण

Leave a Reply

error: Content is protected !!