पहली बार चिराग पासवान ने BJP पर निशाना साधा,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान ने पहली बीजेपी के रवैए पर खुलकर बोला है. चिराग पासवान ने कहा है कि लोजपा में टूट पर बीजेपी की चुप्पी आहत करने वाली है. बता दें कि चिराग पासवान पहली बार बीजेपी पर सीधा निशाना साधा है, इससे पहले बीजेपी के सवालों पर बोलने से इंकार कर देते थे.

लोजपा सांसद चिराग पासवान ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान और वह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा के साथ ‘चट्टान’ की तरह खड़े रहे, लेकिन जब इन ‘कठिन’ समय के दौरान उनके हस्तक्षेप की उम्मीद थी, तो भगवा दल साथ नहीं था. हालांकि चिराग ने कहा कि उनका पीएम मोदी पर अब भी विश्वास कायम है.

वहीं बीजेपी को इशारों ही इशारों में धमकी देते हुए लोजप नेता चिराग पासवान ने आगे कहा, “लेकिन अगर आपको घेरा जाता है, धकेला जाता है और कोई फैसला लेने के लिए मजबूर किया जाता है, तो पार्टी सभी संभावनाओं पर विचार करेगी…लोजपा को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में इस आधार पर निर्णय लेना होगा कि कौन उसके साथ खड़ा था और कौन नहीं.’

पीएम मोदी को लेकर दिया था ये बयान– पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उनसे पूछा गया था कि क्या उन्हेें अपने राम (पीएम मोदी) से सहयोग की अपेक्षा है? इसपर चिराग ने कहा था कि जब हनुमान को राम की आवश्यकता पड़ने लगे, तो राम काहे का राम और हनुमान काहे का हनुमान. बता दें कि बिहार चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने पीएम मोदी को राम और खुद को उनका हनुमान बताया था.

लोजपा में टूट के बाद अकेले पड़ गए हैं चिराग– बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी के पांच सांसदों ने बगावत करते हुए पार्टी पर कब्जे का ऐलान कर दिया है. लोजपा के बागी गुट का नेतृत्व चिराग के चाचा पशुपति पारस कर रहे हैं, जबकि चचेरे भाई प्रिंस राज उनका सहयोग कर रहे हैं. लोजपा का मामला अब चुनाव आयोग पहुंच गई है.

लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और सांसद चिराग पासवान ने बिहार चुनाव में एनडीए से अलग होकर लड़ने के मामले में बड़ा खुलासा किया है. चिराग पासवान ने कहा है कि एनडीए लोजपा को बिहार विधानसभा चुनाव में सिर्फ 15 सीटें दे रही थी, जिस वजह से हमने अलग होकर लड़ने का फैसला किया.

अपने ट्विटर हैंडल पर पत्र शेयर करते हुए लोजपा नेता चिराग पासवान ने लिखा, ‘बिहार चुनाव में हमारी पार्टी को 25 लाख वोट मिले. वो भी तब, जब पार्टी सिर्फ 135 सीटों पर चुनाव लड़ी. अगर हम सभी सीटों पर चुनाव लड़ते तो, हमारी पार्टी को करीब 10 प्रतिशत वोट जरुर मिलता.’

चिराग ने अपने पत्र में आगे लिखा कि एनडीए की ओर से हमें 15 सीटें दी जा रही थी. जो कि कहीं से तार्किक नहीं था. उन्होंने कहा कि एक तरफ सीट का विवाद था ही. दूसरी ओर हम उनके साथ बिल्कुल चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, जो हमारी पार्टी हमारे नेता को कमजोर करने का काम कर चुके थे.

नीतीश पर साधा निशाना- चिराग पासवान ने अपने पत्र के जरिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा. चिराग पासवान ने लिखा, ‘नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू शुरूआत से ही लोजपा को कमजोर करने में लगी है. 2005 में भी जेडीयू ने हमारे 29 विधायक और प्रदेश अध्यक्ष को तोड़ लिया.’

पशुपति पारस ने किया खंजर घोंपने का काम- लोजपा नेता चिराग पासवान ने लिखा कि पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी और परिवार का दारोमदार चाचा के ऊपर ही था. चाचा सबको लेकर चलते और मेरा मार्गदर्शन करते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. बल्कि जब मैं टायफाइड से पीड़ित था, तो उस वक्त आधी रात को मेरे पीठ में खंजर घोंपने का काम किया.

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