उदासीनता :  नौ लाख रुपये खर्च होने के बाद भी नलकूप से नहीं निकला एक बूंद भी पानी

 

उदासीनता :  नौ लाख रुपये खर्च होने के बाद भी नलकूप से नहीं निकला एक बूंद भी पानी

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किसानों के खेतों की सिंचाई का सपना रह गया अधूरा

श्रीनारद मीडिया, कृष्ण कुमार रंजन, कोईलवर , भोजपर (बिहार)

बिहार के भोजपुर जिला के कोईलवर प्रखंड के गोपालपुर पंचायत के लोदीपुर ग्राम में ग्राम पंचायत के द्वारा किसानों के सिंचाई के लिए केवल नलकूप ड्रिलिंग करके एक साल से छोड़ दिया गया है। उदासीनता का आलम यह है कि इसमें मोटर अधिष्ठापन एवं नलकूप हाउस का निर्माण अभी तक नहीं किया गया है । इसके कारण किसानों को अपने खेतों की सिंचाई करने में असुविधा हो रही है।
हमारे परिवर्तन न्यूज़ के संवाददाता ने इस संबंध में जब पंचायत सचिव सतीश कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि आठ से नौ लाख रुपये खर्च केवल बोरिंग ड्रिलिंग पर हुए हैं। शेष कार्य राशि के अभाव में रुका हुआ है। इस कार्य के लिए संबंधित कनीय अभियंता राजेश कुमार से जब परिवर्तन न्यूज़ ने संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि पंचायतों में किसानों के खेतों के सिंचाई करने के लिए लगाए जा रहे हैं नलकूप को लघु सिंचाई विभाग ने सभी नलकूपों को ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दिया है। अब उनके संचालन और चालू करने की समस्त जवाबदेही ग्राम पंचायतों के मुखिया और पंचायत सचिव की है। फिलहाल राशि के आभाव में काम रुका हुआ है।
इनके द्वारा बताया गया कि ड्रिलिंग के लिए 5 लाख 34 हजार रुपये खर्च हुए हैं।
ज्ञात हो कि किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए मुख्यमंत्री ने सभी ग्राम पंचायतों के मुखिया को अपने पंचायतों में नलकूप अधिष्ठापन के लिए अति महत्वकांक्षी योजना के तहत नलकूप लगाने के लिए राशि जारी की थी। परंतु केवल बोरिंग ड्रिलिंग करके पाइप डालकर खुले में छोड़ दिया गया है। स्थानीय किसानों से बात करने पर उनका कहना है कि इसी तरह से सरकारी राशि का बंदरबांट एवं दुरुपयोग हमेशा होते रहता है और हम लोगों को नलकूप से सिंचाई के लिए आज तक एक बूंद पानी नहीं मिला है।

विदित हो कि आज से 35 वर्ष पहले इसी जगह पर लघु सिंचाई विभाग के द्वारा एक और बोरिंग किया गया था वह बोरिंग भी आज तक पानी नहीं दे सका और किसानों के खेतों के सिंचाई का सपना अधूरा रह गया।अब देखना है कि कब तक मुखिया विभागीय अधिकारी पदाधिकारी गण किसानों के सिंचाई की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते हैं।

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