क्या दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले विमान में ब्लास्ट करने का था आतंकी मंसूबा?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सात जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद से आए कपड़े के बंडल वाले पार्सल में हुआ धमाका (Blast) किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था, यह बात अब जाहिर हो चुकी है. लेकिन जांच एजेंसियों के समक्ष इन्वेस्टिगेशन (Investigation) के दौरान कुछ ऐसी बातें भी सामने आ रही हैं, जिसने तमाम सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही शासन-प्रशासन में खलबली मचा दी है. दरअसल कपड़ों के बंडल के बीच 100 मिली की शीशी में केमिकल बम होना ही अपने आप में बड़ा सबूत है कि इसके पीछे कोई बड़ी आतंकी साजिश ही थी. आतंकी नेटवर्क के इसमें शामिल होने के साथ ही जांच एजेंसियों के समक्ष अब यह सवाल आ गया है कि क्या साजिशकर्ताओं के निशाने पर दरभंगा एयरपोर्ट था? क्या दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स ( Flights) आतंकवादियों की टारगेट थीं?
दरअसल कई मीडिया रिपोर्ट्स ये बताती हैं कि जांच एजेंसियों ने इस दरभंगा एयरपोर्ट के एंगल पर जांच शुरू कर दी है. इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि सिकंदराबाद से दरभंगा स्टेशन के लिए बुक करवाया गया पार्सल मो. सूफियान के नाम से भेजा गया था. वह शायद इसे रिसीव भी कर लेता और इसे कहीं एहतियात के साथ स्टोर भी किया जाता. इसके बाद मौका देख किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जाता. हालांकि यह लिक्विड एक्स्प्लोसिव पहले ही वो ब्लास्ट कर गया. अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में लगी हुई हैं क्या कभी देश के अन्य क्षेत्रों में ऐसे लिक्विड एक्सप्लोसिव (Liquid Explosive) का भी उपयोग किया गया था या नहीं?
इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े तार
जांच एजेंसियों के हवाले से यह खबर भी सामने आ रही है कि बड़ी साजिश की आशंका के तहत ही तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की रेल व ATS टीम के जांच करने के बाद इसके इन्वेस्टिगेशन का जिम्मा NIA को सौंपा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि जांच एजेंसियों ने जैसे-जैसे तफ्तीश आगे बढ़ाई, दरभंगा ब्लास्ट के कनेक्शन हैदराबाद सीरियल ब्लास्ट के आरोपी और आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन (Indian Mujahiddin के आका यासीन भटकल से जुड़ गया. बता दें कि यासीन भटकल अपने दो साथी आतंकवादियों असदुल्लाह उर्फ हड्डी और हैदर के साथ हैदराबाद की जेल में कैद है. असदुल्लाह बम बनाने में माहिर माना जाता है.
अब सेंसर ब्लास्ट की ताक में आतंकी, स्लीपर सेल तैयार किए जा रहे
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जांच एजेंसियों के हाथ पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से इस मामले का कनेक्शन होने के सबूत लगे थे. पर अब पड़ोसी देश नेपाल का नाम भी अब इसमें जुड़ गया है. सूत्रों के हवाले से यही रिपोर्ट्स सामने आ रही है कि केमिकल बम बनाने के लिए कुछ लोगों को ट्रेनिंग दी गई है. इसके लिए मजहब के नाम पर कई युवाओं भड़काया जा रहा है और स्लीपर सेल तैयार किए जा रहे हैं. समय के साथ चूंकि सुरक्षा एजेंसियां अब अधिक सतर्क हैं तो आतंकी भी इनसे आगे रहने की हर कवायद कर रहे हैं. ट्रेंड बदलते हुए ये अब IED और टाइमर बम की जगह सेंसर ब्लास्ट ( Sensor blast) की खतरनाक तैयारियों की ओर बढ़ रहे हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.
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