बासडीह पशु मेला का अस्तित्व संकट में, देखे वीडियो
श्रीनारद मीडिया, मृत्युंजय तिवारी, भेल्दी, सारण (बिहार):
सारण जिला के मशहूर पशु मेला आज अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह मेला अमनौर विधानसभा के भेलदी थाना के मदारपुर पंचायत बासडीह मे लगता है यह मेला कभी किसानों का आकर्षण का केंद्र मना जाता था । इस मेला का सुंदरता ब्राह्म बाबा के मंदिर भगवान शिव की मंदिर बहुत बड़ा विशाल धर्मशाला तथा बड़ा पोखरे के चारों तरफ लगता था। इस मेले में बिहार के कई जिले के साथ-साथ यूपी से पशुपालक अपने पशुओं लेकर मेले में क्रय बिक्री के लिए आते थे। इस मेले में अस्थाई
लोगों को अच्छी रोजगार भी बड़े पैमाने पर मिलता था । मेला की मशहूर सत्तू तथा लिट्टी चोखा का जो बहुत प्रसन्न से यहां के किसान खाते थे। इस मेले की स्थापना1965 हुई थी । मेला अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक सप्ताहिक शनिवार को लगता है इस मेले में काशीनाथ सिंह की अहम भूमिका थी जो पूरे ग्रामीणों को इकट्ठा कर मेले को लगाना शुरू किया था। लेकिन विज्ञान के बढ़ते स्वरूप ने बैलों के जगह ट्रैक्टर ले लिया और आज किसान बैल पालना छोड़ दिये जिससे इस मेला में बैल ही नहीं आ रहे हैं।
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