वृंदाहा वाटर फॉल में डूबे दो युवकों के शव को गोताखोरों ने निकाला,परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
झारखंड के कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया थाना क्षेत्र की जरगा पंचायत स्थित वृंदाहा वाटर फॉल में शुक्रवार की दोपहर डूबे दोनों युवकों के शव को 24 घंटे के अंदर गोताखोरों की सहायता से बरामद कर लिया गया है. मृतकों में 18 वर्षीय सिद्धार्थ कुमार (पिता सुनील कुमार शर्मा निवासी रूपौल नवादा) व 18 वर्षीय कार्तिक कुमार (निवासी बाढ़ बख्तियारपुर बिहार) के रूप में हुई है.
इन दोनों युवकों का शव चौपारण से विशेष रूप से बुलाए गए 25 सदस्यीय गोताखोरों की टीम ने बरामद किया. शव मिलते ही मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. मृतक सिद्धार्थ अपने परिवार का एकलौता पुत्र था. जानकारी के अनुसार शुक्रवार को बिहार के नवादा व बाढ़ बख्तियारपुर से तीन युवक एक साथ बाइक पर सवार होकर वृंदाहा वाटर फॉल घूमने के लिए पहुंचे थे. नहाने के बाद पैर फिसलने से एक युवक सिद्धार्थ पानी में फिसल कर गिर गया और डूबने लगा, जिसे बचाने के लिए उसका दूसरा मित्र कार्तिक भी पानी में उतरा और वह भी डूबने लगा. इसके बाद तीसरे मित्र सन्नी राज ने भी उन दोनों को बचाने का प्रयास किया, लेकिन वह भी गहरे पानी में डूबने लगा था जिसे स्थानीय लोगों ने बचा लिया था.
शुक्रवार की देर शाम तक डूबे युवकों का शव बरामद नहीं किया जा सका था. इसके बाद तिलैया पुलिस के द्वारा हजारीबाग के चौपारण से (दुला टीम) के 25 सदस्यीय गोताखोरों की टीम को बुलाया. शनिवार की सुबह सात बजे से गोताखोरों ने युवकों की तलाश शुरू की. काफी खोजबीन करने के बाद दोपहर करीब 12:30 बजे थोड़े समय के अंतराल पर दोनों युवकों के शव बरामद किए गए. शवों को एंबुलेंस के माध्यम से कोडरमा सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
चैकला चौपारण दुला गोताखोर टीम के अध्यक्ष असीम रजा ने बताया कि दोनों युवकों के शव वाटर फॉल के तेज झरने के नीचे पत्थरों के बीच फंसे हुए थे. इन्हें काफी मशक्कत के बाद निकाला गया. उन्होंने बताया कि पानी में उतरे गोताखोरों के अनुसार झरना के समीप वाटर फॉल की गहराई आंकना काफी मुश्किल है. इस जगह पर गहराई काफी अधिक है. उन्होंने वाटर फॉल घूमने आने वाले लोगों से अपील की है कि झरना के आसपास फोटोग्राफी न करें. यह काफी जानलेवा हो सकता है.
अपने पुत्र के वाटर फॉल में डूबने की सूचना पर तिलैया पहुंची नवादा निवासी संगीता देवी ने बताया कि सिद्धार्थ उनका एकलौता बेटा था. वह शुरू से ही हॉस्टल में रहता था. बीए की पढ़ाई के लिए वह पटना में एडमिशन लेने वाला था. एडमिशन के लिए अपना सारा सामान पटना ले भी गया था. गुरुवार को वह पटना जाने वाला था, लेकिन रात में पब्जी खेलने के दौरान इसके दोस्तो ने नवादा में ही रुकने को कहा और घूमने की योजना बनाई. मैंने उसे काफी मना किया था.
एक बार पहले भी इन लोगों ने पब्जी खेलने के दौरान प्लान बनाया था तो मैंने उसे रोक लिया था. वह अक्सर पब्जी में नए-नए दोस्त बनाता रहता था. मैंने एक बार उसका फोन पटक कर तोड़ दिया था. सिद्धार्थ के पिता सुनील कुमार शर्मा सीआईएसएफ चेन्नई में पोस्टेड हैं. संगीता ने सिद्धार्थ के दोस्तों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अक्सर इनके बेटे से पैसा ठगा करते थे. शुक्रवार को भी जब वह अपने घर से निकला था तब उसके एकाउंट में 20 हजार रुपया था. पैसा लेने देने की बात अक्सर सिद्धार्थ बताया करता था. बेटे की मौत के बाद मां सहित परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
इधर, दूसरे युवक कार्तिक की मौत की सूचना मिलने पर तिलैया थाना पहुंचे उसके मामा अभिषेक आंनद ने बताया कि कार्तिक फिलहाल पार्ट वन में पढ़ाई कर रहा था. वह घर में बिना बताए घूमने आया था. शुक्रवार देर शाम अचानक जानकारी मिली कि वो वृंदाहा वाटर फॉल में डूब गया है. ऐसे में कार्तिक की मां की हालत काफी खराब हो गई. कार्तिक दो भाइयों में छोटा था. कार्तिक के पिता की मौत काफी पहले हो चुकी है. ऐसे में इसकी मौत के बाद इसकी मां की स्थिति भी बिगड़ गई है.
जंगलों के बीचोंबीच स्थित वृंदाहा वाटर फॉल का मनोरम दृश्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. मानसून में हुई बारिश से पानी का बहाव काफी तेज होने के कारण फॉल की खूबसूरती काफी बढ़ गई है. यही वजह है कि इन दिनों दर्जनों लोग अपने साथियों के साथ यहां घूमने और पिकनिक मनाने आ रहे हैं. इस दौरान लोग झरने के बीच नहा रहे हैं और सेल्फी भी ले रहे हैं. हालांकि, यहां सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई व्यवस्था नहीं है. सिवाय एक चेतावनी भरे संदेश वाले बोर्ड के अलावा यहां न बैरेकेडिंग है और न ही कोई अन्य व्यवस्था. यही कारण है कि आए दिन यहां हादसे होते हैं और जान चली जाती है.
वृंदाहा वाटर फॉल थाना क्षेत्र के जंगली इलाके जरगा में स्थित है. जंगलों के बीचोंबीच स्थित होने के कारण यहां किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क काम नहीं करता है. ऐसे में वाटर फॉल के मनोरम वादियों में घूमने व पिकनिक मनाने आने वाले लोगों को अगर किसी प्रकार की समस्या होती है या वाटर फॉल में कोई हादसा होता है तो यहां से मदद लेना तो दूर किसी को कॉन्टेक्ट कर हादसे की जानकारी देना भी दूभर हो जाता है. यही कारण के की अगर कोई व्यक्ति वाटर फॉल में नहाने के दौरान डूबता है तो उन्हें बचाना असंभव सा हो जाता है.