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पटना में डिवाइन स्प्रिंग के नाम से बनाना था पानी, 2017 से बना रहा था बिसलारी.

पटना में डिवाइन स्प्रिंग के नाम से बनाना था पानी, 2017 से बना रहा था बिसलारी.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पटना में खाद्य सुरक्षा विभाग ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पानी बनाने वाली एक कंपनी ने डिवाइन स्प्रिंग नाम का ट्रेड मार्क लेकर बिसलारी बना रही थी। कंपनी 5 साल से नकली पानी बनाने का काम कर रही थी, लेकिन पकड़ में नहीं आई। कंपनी में 2017 से ट्रेड मार्क और FSSAI से लाइसेंस लेकर पानी की नकली बोतल बनाने का काम किया जा रहा था। खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापेमारी कर फैक्टरी का लाइसेंस रद कर दिया है और 1,440 बोतल नकली बरामद सील कर दिया।

सुल्तानगंज में चल रहा था धंधा

पटना के खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि पटना में नकली पानी बनाने की फैक्टरी चल रही थी। सुल्तानगंज थाना क्षेत्र में शनिचरा मंदिर के पास सुशांत रंजन पानी की फैक्टरी चलती थी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी की जांच में पाया गया कि पानी की फैक्टरी के लिए 2017 में FSSAI से लाइसेंस लिया गया था। कंपनी की तरफ से डिवाइन स्प्रिंग नाम का पानी बोतल बनाने के लिए ट्रेड मार्क भी कराया गया था।

नियम से कंपनी में डिवाइन स्प्रिंग नाम के पानी का बोतल ही बनाना था, लेकिन कंपनी में नकली पानी के बोतल का कारोबार किया जा रहा था। इसमें बिसलरी के मिलते जुलते डिजाइन और लिखावट के साथ बिसलारी पानी बनाया जा रहा था। पानी की बोतल के रंग से लेकर सबकुछ मिलता जुलता था।

नेपाल तक होती थी नकली पानी की सप्लाई

जांच पड़ताल में खाद्य सुरक्षा विभाग को चौंकाने वाली जानकारी मिली है। पूछताछ में जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक पटना में कंपनी का पानी कई एरिया में सप्लाई की जाती थी। दूर-दूर तक पानी की डिमांड थी, क्योंकि इसका नाम एक ब्रांडेड कंपनी से मिलाकर बनाया गया था। यह तेजी से बिक जाता था। नेपाल तक इसकी सप्लाई की जाती थी।

बिहार के सीमावर्ती जिलों में भी पटना से ही पानी की सप्लाई हो रही थी। पटना में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के आसपास और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर इस पानी की सप्लाई की जाती थी। काफी डिमांड थी।

बोतल बंद पानी के नाम पर बिक रहा जहर

खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में पाया गया है कि फैक्टरी में लैब में कोई काम नहीं हो रहा था। हाईजीन का भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था। गंदगी के बीच पानी बनाया जा रहा था वह भी पूरी तरह से नकली। जहां पानी का निर्माण किया जा रहा था वहां काफी गंदगी पाई गई है। लेब पूरी तरह से ठप पड़ा था और वहां गंदगी का अंबार था।

लैब टेक्नीशियन के बारे में भी कोई सही जानकारी नहीं दी गई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार का कहना है कि कई गड़बड़ी पाई गई जिस पर फैक्ट्री का लाइसेंस रद करते हुए 1440 बोतल पानी बरामद किया गया है।

10 जुलाई को एक और फैक्टरी का हुआ था खुलासा

खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक सप्ताह में दूसरा बड़ा मामला पकड़ा है। इसके पूर्व 10 जुलाई को सर्वोत्तम इंटर प्राइजेज में नकली पानी बनाने का खुलासा किया था। फैक्टरी के खुलासे में यह बताया गया था कि नकली पानी की सप्लाई पटना के अधिकांश क्षेत्रों में हो रही थी। पानी का निर्माण गांव में किया जा रहा था जिससे किसी की पकड़ में न आए और इसे शहर में बेचा जा रहा था।

इस कंपनी में भी एक बड़े ब्रांड का नकली पानी बनाया जा रहा था। गुरुवार को पकड़ी गई फैक्टरी को लेकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार का कहना है कि पानी को जांच के लिए भेजा जाएगा। छापेमारी का अभियान लगातार जारी है और कई पानी की फैक्टरियों का सुराग लगाया जा रहा है।

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