क्या है Pegasus? इसे लेकर भारत में क्यों मचा है बवाल, संसद में भी हंगामा.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

रविवार रात को अमेरिका के कई मीडिया हाउस ने यह खबर दी कि Pegasus स्पाईवेयर का इस्तेमाल विश्व के कई देशों में हो रहा है जिनमें भारत भी एक है. Pegasus स्पाईवेयर का प्रयोग फोन टैपिंग के जरिये जासूसी में किया जा रहा है और भारत के कई बड़े राजनेता, पत्रकार, एक्टिविस्ट और बिजनसमैन की इसके जरिये जासूसी की गयी है.

इस खबर के चर्चा में आते ही Pegasus स्पाईवेयर के बारे में बातें होने लगी हैं. सबसे पहले इसके बारे में 2016 में सुना गया था. इसका निर्माण इजरायल की एनएसओ कंपनी ने किया है. Pegasus का अर्थ होता है उड़ने वाला घोडा और इसी के जरिये भारत सरकार पर जासूसी का आरोप लगा है.

आज भारत की संसद में Pegasus स्पाईवेयर के जरिये किये गये फोन टैपिंग और जासूसी के मसले पर खूब हंगामा हुआ. हालांकि आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि देश में फोन टैपिंग को लेकर पहले से ही कड़े कानून हैं और ऐसा होना भारत में संभव नहीं है. मंत्री ने जासूसी की बात को खारिज तो कर दिया है लेकिन इस बीच यह चर्चा जारी है कि Pegasus स्पाईवेयर आखिर कैसे काम करता है कि यह व्हाट्‌सएप तक को हैक करके उससे डाटा निकाल लेता है.

स्पाईवेयर बनाने वाली कंपनी का कहना है कि जो रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है वह गलत है हम केवल सरकारों को सॉफ्टवेयर बेचते हैं और वह भी तब इसके जरिये किसी की जान बचायी जाती है. इसका आतंकवाद और अपराध के खिलाफ इस्तेमाल होता है. यह सॉफ्टवेयर फोन को हैक कर लेता है.

फोन को कैसे हैक करता है स्पाईवेयर

Pegasus जब अस्तित्व में आया था तो यह एक लिंक के जरिये फोन को हैक करता था, जिसे संबंधित व्यक्ति ने फोन पर भेजा जाता था, लेकिन अब यह स्पाईवेयर बहुत विकसित हो गया है और उसे ऐसे किसी लिंक की जरूरत नहीं होती है. इसका एक उदाहरण यह है कि 2019 में व्हाट्‌सएप ने पेगासस पर यह आरोप लगाया था कि उसने साधारण कॉल के जरिये 14 सौ से अधिक फोन को संक्रमित किया था. जो कॉल आपके पास आता है आप उसका जवाब दें या ना दें आपके फोन पर कॉल आते ही पेगासस का कोड उस फोन में इंस्टॉल हो जाता है. Pegasus ने आईफोन के आईमैसेज के जरिये उसे भी हैक किया है.

पेगासस प्रोजेक्ट (Pegasus software Project) नाम के एक मैलवेयर स्पाइवेयर के जरिए दुनिया भर के उद्योगपतियों, पत्रकारों और विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों के फोन की जासूसी किए जाने की खबर सामने आई. यही आरोप भारत में भी लगा है, हालांकि सरकार की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है कि ऐसे किसी भी कारनामें में उनकी संलिप्तता नहीं है.

इस खुलासे के बाद से ही पहला सवाल उठ रहा है कि आखिर क्या है पेगासस, जिसे पेगासस प्रोजेक्ट, पेगासस सॉफ्टवेयर, मैलवेयर और स्पाइवेयर के साथ अटैच करते हुए इसकी चर्चा की जा रही है.

पेगासस स्पाइवेयर पर हंगामा
दुनिया भर की सरकारों द्वारा 50 देशों में 50,000 से अधिक लोगों की लंबी सूची की जासूसी करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इजरायली फर्म एनएसओ की सैन्य-ग्रेड पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus software Project)  पर रविवार को एक धमाकेदार रिपोर्ट से और हंगामा हो गया है.

क्या है पेगासस? 
पेगासस (Pegasus software Project)  एक मैलवेयर है जो आईफोन और एंड्राइड उपकरणों को प्रभावित करता है. यह अपने उपयोगकतार्ओं को संदेश, फोटो और ईमेल खींचने, कॉल रिकॉर्ड करने और माइक्रोफोन सक्रिय करने की अनुमति देता है.

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