Breaking

अब आप भी उड़ा सकेंगे हल्के ड्रोन,कैसे तय होगा ड्रोन का रूट.

अब आप भी उड़ा सकेंगे हल्के ड्रोन,कैसे तय होगा ड्रोन का रूट.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

27 जून को जम्‍मू एयरबेस पर ड्रोन से आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार जागी। हाल में देश के अंदर ड्रोन का अवैध रूप से इम्‍पोर्ट बढ़ा है। वर्ष 2018 में भारत में करीब 5 से 6 लाख ड्रोन गैरकानूनी तरीके से भारत आ गए। इसके साथ उसके दुरुपयोग में भी इजाफा हुआ है। ड्रोन के बढ़ते चलन के बावजूद देश में ड्रोन पॉलिसी पर कोई विचार नहीं किया गया था।

वर्ष 2014 में ड्रोन के दुरुपयोग के डर से रेगुलेशन लाने के बजाए ड्रोन पर पॉलिसी लेवल पर बैन लग गया था। हालांकि, इस बीच देश में ड्रोन के अवैध कारोबार में वृद्धि हुई। इतना ही नहीं ड्रोन के दुरुपयोग में भी इजाफा हुआ है। हाल में सरकार ने ड्रोन के लिए पहली बार रेगुलेशन की कोशिश की। आइए जानते हैं ड्रोन पर पॉलिसी लेवल पर क्‍या ठोस प्रबंध किए गए। आख‍िर ड्रोन पॉलिसी क्या है। ड्रोन से क्या होगा। कहां उड़ेंगे और कैसे।

सरकार ने ड्रोन रूल्‍स 2021 जारी किए

पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने ड्रोन रूल्‍स 2021 जारी किए हैं। इस पर 5 अगस्‍त तक सुझाव मांगे हैं। नए नियमों के मुताबिक अब 250 ग्राम तक के नैनो ड्रोन्‍स के लिए रजिस्‍ट्रेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्रीय सिविल एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ड्रोन की नई पॉलिसी के बारे में सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्‍होंने दावा किया है कि दुनियाभर में ड्रोन की वजह से अगली बिग टेक क्रांति आने वाली है। भारत में भी स्टार्टअप्स इस नई लहर पर सवार हो सकेंगे और कम लागत, संसाधनों और समय में ऑपरेशन पूरा कर सकेंगे। अब देश में दवाओं और समान की डिलीवरी से लेकर हाईवे बनाने, रेलवे लाइन बिछाने के सर्वे में इन ड्रोन का इस्‍तेमाल होगा।

2018 में ड्रोन के लिए पहली बार रेगुलेशन

2018 में सरकार ने ड्रोन के लिए पहली बार रेगुलेशन की कोशिश की। ड्रोन को रजिस्टर किया जाने लगा। हालांकि, यह सरकारी स्‍तर पर ठोस उपाय नहीं थे। इसके चलते 12 मार्च 2021 को ड्रोन रूल्स 2021 जारी हुए, लेकिन इसके नियम इंडस्ट्री और अन्य स्टेकहोल्डर्स को बहुत पसंद नहीं आए। इस वजह से बात नहीं बन सकी। उधर, देश में तेलंगाना और कर्नाटक में ड्रोन से दवाओं और अन्य सामान की डिलीवरी के लिए अलग-अलग ट्रायल्स भी शुरू हो गए।

ड्रोन मार्केट में भारत काफी पीछे

रेगुलेशन में देरी के कारण ग्लोबल ड्रोन मार्केट में भारत काफी पीछे रह गया। अब ड्रोन के बाजार ने गति पकड़ी है। उम्‍मीद की जा रही है कि 2025-26 तक इसका कोरोबार 13 हजार करोड़ रुपए (1.8 बिलियन डॉलर) तक पहुंच जाएगा। लेकिन वर्ल्ड मार्केट में भारत अब भी काफी पीछे है। दुनिया में ड्रोन कारोबार में इसकी हिस्‍सेदारी महज तीन फीसद ही रहने का अनुमान है। 2030 तक भारत का ड्रोन बाजार 3 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा।

क्‍या है ड्रोन पर नई पॉलिसी

  • ड्रोन की नई पॉलिसी के तहत इसका भी किसी गाड़ी की भांति रजिस्‍ट्रेशन करना होगा। अब यह डिजिटल स्काय प्लेटफॉर्म बन रहा है। यह ड्रोन के रजिस्ट्रेशन, यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी करने और रुट तय करने का काम करेगा।
  • इसकी व्यवस्था बिल्कुल आरटीओ जैसी है, जो आपकी गाड़ी का नंबर जारी करता है। उसको परमिट जारी करता है। साथ ही सड़कों का रुट भी जारी करता है। आरटीओ के साथ-साथ इस प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस की भी होगी।
  • ड्रोन के कवरेज को 300 किलो से बढ़ाकर 500 किलो किया गया है। फी कई स्तरों पर घटाई गई है। बुनियादी नियमों के उल्लंघन पर 1 लाख रुपए तक दंड रखा गया है। रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी तरह का सिक्योरिटी क्लियरेंस भी नहीं लगेगा।
  • इंडियन रेलवे, नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया समेत कई अन्य प्राइवेट कंपनियां भी ड्रोन के कॉमर्शियल इस्तेमाल पर पायलट प्रोजेक्ट चला रही हैं। ड्रोन पॉलिसी लागू करने के लिए सरकार को जो डेटा चाहिए, उसके लिए ये प्रोजेक्ट उसकी मदद करेंगे।

कैसे तय होगा ड्रोन का रूट

Leave a Reply

error: Content is protected !!