बिहार विधानसभा में विधायकों को पीटने के मामले में चार महीने बाद कार्रवाई, दो दोषी किए गए निलंबित.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बजट सत्र के दौरान बिहार विधानसभा परिसर में विधायकों को पीटने वाले सिपाहियों पर साढ़े चार महीने बाद कार्रवाई हुई है। बिहार सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 के विरोध के दौरान हुए हंगामे के मामले में तमाम साक्ष्यों और वीडियो फुटेज के आधार पर डीजीपी ने शेषनाथ प्रसाद और रंजीत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह जानकारी स्पीकर विजय सिन्हा ने दी।
बता दें कि इसी साल 23 मार्च को राजद सहित सभी विपक्षी विधायक बिहार सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 का विरोध कर रहे थे। हंगामे के कारण तीन बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। चौथी बार विधायकों ने सदन की कार्यवाही रोकने के लिए स्पीकर को उनके चैंबर में ही बंधक बना लिया। ऐसे में पटना के डीएम और एसएसपी सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी। पुलिस से भी विधायकों ने धक्का-मुक्की की। कई नेताओं को मुक्का मारा और सदन से बाहर फेंक दिया गया था। इस मामले को लेकर विपक्ष कार्रवाई की मांग कर रहा था। तमाम साक्ष्यों और वीडियो फुटेज के आधार पर डीजीपी ने शेषनाथ प्रसाद और रंजीत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
सदन में आने वाले सदस्यों को वैक्सीन लेना अनिवार्य
स्पीकर विजय सिन्हा ने यह भी कहा कि मानसून सत्र में सदन में आने वाले सदस्यों को वैक्सीन लेना अनिवार्य होगा। अभी तक 172 विधायक और 21 मंत्रियों ने टीके लगवा लिए हैं। 22 अन्य ने नहीं लेने का कारण बताया है, जबकि 25 के बारे में कोई सूचना नहीं है।
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