क्या आपको पता है 2004-2009 तक कांग्रेस सरकार ने नहीं मनाया था करगिल विजय दिवस।
सदन में राजीव चंद्रशेखर ने दिलाई थी याद
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
कांग्रेस ने 5 सालों तक कारगिल दिवस नहीं मनाया। इसके साथ ही कारगिल दिवस नहीं मनाने पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का भी एक पोस्ट आया था। दरअसल, राशिद अल्वी का कहना था कि कारगिल की लड़ाई भाजपा की लड़ाई थी, इसलिए इसे मनाया नहीं जाना चाहिए।
भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में युद्ध छिड़ गया था। दरअसल, पाकिस्तानी सेना और कुछ कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत-पाकिस्तान के बीच बनी एलओसी को पार किया और भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया। डेढ़ महीने से ज्यादा लंबी चली इस लड़ाई में भारत के कई जवान शहीद हुए, लेकिन आखिर में 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को हराकर कारगिल युद्ध जीत लिया। इसी दिन को हर साल ‘विजय दिवस’ या ‘कारगिल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
फिलहाल वायरल हो रहा है पोस्ट
– सोशल मीडिया वायरल हो रही इस पोस्ट में लिखा है ‘सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कहने से पहले कांग्रेस कारगिल युद्ध के वीरों का भी अपमान कर चुकी है। 5 साल तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस नहीं मनाया था।’
– इसके साथ कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का भी एक बयान इस पोस्ट में लिखा है। इस बयान में अल्वी ने कहा था ‘कारगिल विजय दिवस का जश्न हम क्यों मनाएं, वो तो भाजपा का युद्ध था।’
– इसके नीचे लिखा है ‘कांग्रेस की ऐसी घटिया सोच को आप क्या नाम देंगे?’ इस पोस्ट को फेसबुक पर ‘फिर एक बार, मोदी सरकार’ नाम के पेज से शेयर किया गया है।
भाजपा सांसद ने पत्र लिखकर की थी मांग
चंदशेखर ने 2009 में एंटनी को लिखे पत्र में कहा था, “मैं 26 जुलाई, करगिल में दुश्मनों पर हमारी सेना की जीत की 10 वीं वर्षगांठ पर माननीय सदस्यों का ध्यान आकर्षित करता हूं।” उन्होंने पत्र लिखा था कि भारतीय के तौर पर, इन वीर जवानों के बलिदान और कर्तव्य को याद रखना हमारा कर्तव्य है।
राजीव चंद्रशेखर ने रक्षा मंत्री को लिखा था यह लेटर
कई पत्रों के बाद एंटनी ने दिया था जवाब
राजीव चंद्रशेखर के कई पत्रों के बाद एके एंटनी ने पत्र के जवाब में लिखा था, ‘शहीदों के सम्मान में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जाएगा (पहली बार यह 2009 में आयोजित किया गया था) इस साल (26 जुलाई, 2010) को अमर जवान ज्योति पर हुआ।’
राजीव चंद्रशेखर ने दी श्रद्धांजलि
राशिद अल्वी का बयान भी सही है?
– हमने जब राशिद अल्वी के बयान के बारे में पता लगाया तो हमें पता चला कि राशिद अल्वी ने कारगिल विजय दिवस को लेकर इस तरह का बयान दिया था।
– 15 जुलाई 2009 को कांग्रेस सांसद राशिद अल्वी ने कहा था ‘कारगिल ऐसी लड़ाई नहीं थी, जिसका जश्न मनाया जाए। वो लड़ाई हमारे क्षेत्र में लड़ी गई थी। हमें तो ये भी नहीं पता चला कि पाकिस्तानी सेना ने कब हमारी सीमा पार की और वहां बंकर स्थापित कर दिए। सिर्फ एनडीए ही इस जीत का जश्न मना सकती है।’
21 साल पहले आज ही के दिन भारत के वीर जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। तिरंगे की शान के लिए भारत के 500 से ज्यादा वीर सपूतों ने अपने खून का आखिरी कतरा तक बहा दिया था। करगिल युद्ध में शहीद हुए इन जवानों की याद में 26 जुलाई को देश विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2009 तक यह दिवस नहीं मनाया जाता था।
1999 में युद्ध हुआ था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने 2009 तक शहीदों को याद ही नहीं रखा। इसके बाद 2009 में भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने इस मुद्दे को संसद में उठाया था।
कांग्रेस शासन में 5 साल नहीं मना दिवस
राजीव चंद्रशेखर ने सदन में इस मुद्दे को लगातार उठाया। इसके बाद तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कारगिल विजय दिवस का जश्न मनाया। एंटनी ने तब से रक्षा मंत्री के इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर जाने का रीति रिवाज शुरू किया। सत्ता में आने के 5 साल बाद 2009 में पहली बार विजय दिवस मनाया गया। वहीं, इससे पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने कार्यकाल में विजय दिवस मनाते रहे हैं। वे इंडिया गेट पर पुष्पांजलि समारोह रखकर इसे मनाते थे। लेकिन जब कांग्रेस की सरकार आई तो इसे नहीं मनाया गया।
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