डा० निरंजन मिश्र प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराये उत्तराखंड सरकार : संस्कृतरसामृतम्
डा०मिश्र की गिरफ्तारी के खिलाफ बिहार में भी विरोध
श्रीनारद मीडिया सीवान(बिहार)।
संस्कृतरसामृतम् के संस्थापक डा० सुशील नारायण ने उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा०निरंजन मिश्र को हरिद्वार पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफ्तार किये जाने पर कडी आपत्ति जताई है।संस्कृतरसामृतम् के संस्थापक डा०तिवारी ने कहा कि हरिद्वार के पुलिस प्रशासन ने संस्कृतमातु के सेवक डा०निरंजन मिश्र को गिरफ्तार कर संस्कृतसेवकों को अपमानित किया है जो निंदनीय है।उन्होंने कहा कि भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय उत्तराखंड का एकमात्र केन्द्र सरकार से वित्त पोषित संस्कृत महाविद्यालय है जहाँ देशभर के छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं।डा०तिवारी ने कहा कि संत महात्माओं ने संस्कृत भाषा के संवर्द्धन के लिए संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की।किन्तु कुछ विध्वंसकारी तत्त्व अवैध धन की उगाही के लिए उसका व्यवसायीकरण कराना चाहते हैं, जिसके खिलाफ प्राचार्य डा०निरंजन मिश्र ने अपनी आवाज बुलंद की।फलस्वरूप षड्यंत्रकारियों के षड्यंत्र का शिकार होना पडा और हरिद्वार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।डा०तिवारी ने कहा कि संस्कृत सेवक षड्यंत्रकारियों के षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे।डा०सुशील ने डा० मिश्र को ससम्मान रिहा करने की मांग करते हुए कहा कि इस पूरे मामले कि उत्तराखंड सरकार उच्च स्तरीय जांच कराये।
यह भी पढ़े
यूपी के पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री और उनके पिता की 2.54 अरब की संपत्ति कुर्क
गैंगरैप कर लड़की को कुंए में दिया फेंक, रात भर आती रही चीखने-चिल्लाने की आवाज
एक ऐसा गैंग का हुआ खुलासा जो प्रेम में फंसा झूठे रेप में फंसाने की धमकी देकर करती थी ब्लैकमेल