किशनगंज जिले में अब तक 2,64,770 लोगों का किया गया टीकाकरण
कोविड का टीका संक्रमण से निजात पाने को सबसे प्रभावशाली एवं उपयुक्त हथियार हो रहा हैं साबित:
टीकाकरण से खत्म होगी महामारी, कोविड का टीका है पूर्ण सुरक्षित:
टीकाकरण के बाद के सामान्य साइड इफ़ेक्ट से घबराएँ नहीं:
जिले में कुल 1099000 लक्ष्य के आलोक में 2, 64, 770 लोगों का किया गया टीकाकरण:
श्रीनारद मीडिया, किशनगंज (बिहार):
जिले में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। जिले में संक्रमण पर वार कार्यक्रम के अंतर्गत आज सूबे के साथ जिले के कुल आबादी के 1 % लोगों को कोरोना का टीका लगाने की तैयारी पूरी कर ली गयी है। कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोग ठीक भी हो रहे हैं। जिले में कुल 10,224 व्यक्ति संक्रमित हुए थे जिसमें से 10135 व्यक्ति संक्रमण से ठीक भी हुए है। जिले की रिकवरी रेट 99.1 प्रतिशत है लेकिन अभी भी सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। स्वस्थ हो चुके मरीजों को अभी भी सचेत रहने की जरूरत है और इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण दोबारा अपनी चपेट में ले सकता है। संक्रमण की धीमी रफ़्तार को देखते हुए इस समय और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। जैसे जैसे जिले में कोरोना टीकाकरण अभियान अपनी गति पकड़ रहा है, उसी तरह संक्रमण के मामलों में भी राहत मिलती जा रही है। वर्तमान में जिले में कुल 26 व्यक्ति ही संक्रमित हैं।
जिले में कुल 1099000 लक्ष्य के आलोक में 264770 लोगों का किया गया टीकाकरण:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया अब जिले में लोगों की टीकाकरण के प्रति रुचि बढ़ी है। जिसका नतीजा है विगत जनवरी महीने से 27 जुलाई तक जिले में कुल 264770 लोगों का टीकाकरण हो चुका है। जिनमें से 42117 लोग ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना टीका का दूसरा डोज़ भी ले लिया है और अन्य लोग अपने दूसरे डोज़ लेने का इंतजार कर रहे हैं। कोविड वैक्सीन के दोनों डोज़ लेकर हजारों लोग ना सिर्फ स्वयं को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित कर लिया है बल्कि दूसरों के लिए मिसाल बने हैं। यदि टीकाकरण में आई गति की बात करें तो 18 से 45 वर्ष उम्र के 1,34421 लोगों ने कोविड का पहला टीका व 1503 ने दूसरा टीका और 45 वर्ष से ऊपर के 1,13426 लोगों ने पहला व 28872 ने दूसरा टीकाकरण करवाया है।
संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए भी कराएं टीकाकरण :
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कोरोना टीकाकरण ना सिर्फ मौजूदा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कारगर है बल्कि नये वैरिएंट डेल्टा प्लस से बचाव के लिए भी फिलहाल बेहतर विकल्प है। इस तथ्य की सच्चाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन भी (डब्लूएचओ) स्वीकार करता है कि संक्रमण से बचने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन और वैक्सीन ही सबसे कारगर हथियार है। इसलिए कोरोना टीका करण अभियान को गंभीरता से लें और जल्दी से जल्दी अपने को दोनों डोज़ लेकर टीकाकृत करें। ताकि, सूबे में तीसरी लहर के आने की संभावना को देखते हुये उससे पहले ही समुदाय को संक्रमण ग्रस्त होने से सुरक्षित कर लिया जाये।
निर्भीक होकर टीकाकरण के लिये आगे आयें लोग :
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने आम लोगों से जिले में जारी टीकाकरण अभियान में भाग लेकर अपना टीकाकरण सुनिश्चित कराने की अपील की है। उन्होंने कहा जिले को कोरोना संक्रमण से जुड़ी चुनौतियों से निजात दिलाने के लिये टीकाकरण अभियान की सफलता महत्वपूर्ण है। उन्होंने जिलावासियों को किसी शंका व संदेह से परे हट कर निर्भीक होकर कोरोना का टीका लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगाने के लिये प्रशासनिक तौर पर सभी जरूरी इंतजाम किये गये हैं। कोविड-19 का टीका पूर्णतः सुरक्षित है एवं फिलवक्त कोरोना महामारी से बचाव के लिए मात्र यही एक उपाय है। इसलिए सभी लोगों को कोविड-19 टीका जरूर लगवाना चाहिए।
टीकाकरण के बाद के सामान्य साइड इफ़ेक्ट से घबराएँ नहीं :
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने कहा कोविड टीकाकरण के बाद कुछ सामान्य साइड इफेक्ट हो सकते हैं। जैसे- बाँह में दर्द होना एवं थोड़ा फूल जाना , हल्का बुखार का आना, जी मचलाना, सिर दर्द होना, ठंड लगना, थकान का होना एवं मांसपेशियों में दर्द होना। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सामान्य साइड इफ़ेक्ट होने पर टीकाकरण के बाद थोड़ा आराम करें, जिससे स्वयं साइड इफ़ेक्ट में कमी आ जाएगी। यदि इसके बाद भी साइड इफ़ेक्ट से कोई घबराहट हो तो चिकित्सक से सलाह लें। हालाँकि, चिकित्सक से सलाह लेने की स्थिति आम तौर पर नहीं आती है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि टीकाकरण के बाद होने वाले साइड इफेक्ट को सकारात्मक रूप से लिया जाना चाहिए। टीकाकरण के बाद सामान्य साइड इफ़ेक्ट यह बताते हैं कि आपकी इम्युन सिस्टम कार्य कर रही है।
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