मोदी-शाह के फासीवादी राज के खिलाफ निर्णायक जनांदोलनों के लिए तैयार हो-भाकपा माले
श्रीनारद मीडिया, सुबाष कुमार शर्मा, सीवान (बिहार ):
कामरेड चारु मजूमदार के शहादत दिवस सीवान भाकपा माले कार्यालय में जिला सचिव हँसनाथ राम के अध्यक्षता में मनाया गया। । जिसमें कॉमरेड चारु मजमुदार के जीवन पर प्रकाश डालते हुए जिला सचिव हँसनाथ राम ने कहा कि महान तेभागा किसान आन्दोलन और तेलंगाना सशस्त्र किसान आन्दोलन से प्रेरित माकपा में मौजूद क्रांतिकारियों ने
कामरेड चारु मजूमदार के नेतृत्व में चीनी क्रांति के तर्ज पर मुक्त क्षेत्र और क्रांति कारी सत्ता के निर्माण के लिए पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिला के नक्सलबाड़ी में राज सत्ता के खिलाफ किसानों का ऐतिहासिक सशस्त्रविद्रोह शुरू कर दिया । अवसरवादी और संसोधवादी की वर्चस्वशाली वाली बंगाल की सरकार ने विद्रोह को कुचलने के लिए क्रूर दमन शुरू किया। तब पार्टी में मौजूद क्रान्तिकारियों ने नक्सलबाड़ी के समर्थन में चारु मजूमदार के नेतृत्व में क्रांतिकारी कम्युनिस्टों की अखिल भारतीय समन्वय समिति में सन्गठित कर लिया।उसके बाद पूरे देश में क्रांतिकारियों और अवसरवादियों के बीच सन्घर्ष काफी उग्र हो गया । क्रान्ति कारी लगातार एकजुट होते गए और टूटकर नक्सली मूवमेंट से जुड़ते रहे और यही समिति आगे चलकर सीपी आई, माले में विकसित हो गयी और चारु मजूमदार उसके सन्साथापक महासचिव बने।लगातार क्रांतिकारी आंदोलनों के कारण राजसत्ता हाथ धोकर कामरेड चारु मजूमदार के पीछे पड़ गयी। कामरेड चारु मजूमदार को बिमारी की हालत में गिरफ्तार कर कलकत्ता के लाल बाजार थाना में बन्द कर दवाई बन्द कर अमानवीय जुल्म ढाये और तड़पा कर उनकी हत्या कर दी गई । आइसा जिला अध्यक्ष विकास यादव ने कहा कि कॉमरेड चारु ने कहा था कि जनता के स्वार्थ ही पार्टी का स्वार्थ है, हम गोली से मरेंगे भूख से नही । कॉमरेड चारु मजमुदार हमारी क्रांतिकारी विरासत हैं, जो हमे लगातार संघर्ष करने को प्रेरणा देता है ।आज दौर में जो मोदी सरकार द्वारा दमन हो रहा है ये अंग्रेजो से भी ज्यादा है। नागरिकता कानून में भेदभावपूर्ण संशोधन को वापस लेने, विनाशकारी कृषि कानूनों को रद्द करने, नये श्रम कानूनों को रद्द करने और श्रम अधिकारों की गारंटी करने, निजीकरण और मंहगाई पर रोक लगाने, मजदूरी बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने, कोविड से हुई मौतों का मुआवजा देने, सबके लिए शिक्षा व स्वास्थ्य की गारंटी करने की मांगें इस समय की मूल लोकतांत्रिक मांगें हैं। जब हम कोविड-19 महामारी और इसके चलते लगे तमाम प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। इस दौरान हमने अपने कई कॉमरेड खो दिए है उन्हें याद करते हुए हमें अपनी लड़ाई को तेज करना होगा। पर आइसा जिला सचिव अनिस कुमार , कदम रसूल,रामा मुखिया,गौतम पांडेय, विजय गुप्ता,अजित ,पीयूष,राजदेव मौजूद रहे। इसकी जानकारी विकास यादव आइसा जिला अध्यक्ष ने दी
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