त्रिपुरा के रास्ते भारत लाई जातीं थीं रोहिंग्या किशोरियां, फिर तस्कर करते थे घिनौना काम-एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
रोहिंग्या किशोरियों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए यूपी एटीएस के 30 से अधिक अधिकारियों ने 36 घंटे का विशेष अभियान चलाया था। आपको बता दें कि यूपी एटीएस ने रोहिंग्या किशोरियों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मुख्य सरगना समेत तीन लोगों को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। साथ ही तस्करी के लिए ले जाए जा रही दो किशोरियों और एक पुरुष को मुक्त करा दिया है।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि इस गिरोह के बारे में मानव तस्करी की जानकारी मिली थी। जिसके बाद इसके लिए टीमें गठित कर काम शुरू किया गया। जांच के दौरान पता चला कि मानव तस्करी का मुख्य सरगना मोहम्मद नूर कुछ रोहिंग्या व बंगलादेशी नागरिकों के साथ ट्रेन ब्रह्मपुत्र मेल से दिल्ली जा रहा है, इसपर यूपी एटीएस की टीम ने पांच लोगों गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर उतारा और पूछताछ की गई।
गिरोह के सरगना मोहम्मद नूर ने बताया कि उनका एक साथी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनसे मिलने आने वाला है। एटीएस की टीम ने उसे भी हिरासत में ले लिया गया। सभी को लखनऊ एटीएस मुख्यालय लाया गया और पूछताछ की। पता चला कि हिरासत में लिए गए उक्त छह में से दो किशोरियों और एक व्यक्ति को तस्करी के लिए मोहम्मद नूर लेकर दिल्ली जा रहा था।
उन्होंने बताया कि यह गिरोह म्यांमार व बांग्लादेश से महिलाओं व बच्चों को अवैध तरीके भारत लाकर यहां फर्जी दस्तावेज बनवा कर बेच देते थे। उन्होंने बताया कि इस गिरोह का सरगना मुहम्मद नूर उर्फ नूरुल इस्लाम है जो रोहिंग्या व बांग्लादेशी महिलाओं को शादी तथा पुरुषों व बच्चों को फैक्ट्रियों में काम करने का लालच देकर अवैध तरीके से भारत में लाकर उन्हें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में बसाता है व शादी कराने तथा बेहतर जिंदगी मुहैया कराने झांसा देकर उन्हें असामाजिक तत्वों के हाथों बेच देता है।
इसके बदले में ये मानव तस्कर ऐसे पीड़ित व्यक्तियों, महिलाओं व बच्चों का आर्थिक, शारीरिक व मानसिक शोषण करते हैं। उन्होंने बताया कि इनके बारे में पता यह भी चला है कि ये तस्कर इस काम से बड़ी मात्रा में धन अर्जित कर रहे हैं और आपस में इस धन का लेन देन भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्तियों को न्यायालय में पेश किया गया है। इन सभी को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी।
गिरफ्तार मोहम्मद नूर मूल रूप से बांग्लादेश का रहने वाला है लेकिन पिछले काफी दिनों से त्रिपुरा में रह रहा था। जबकि रहमतुल्ला और शबीउर्रहमान म्यांमार का रहने वाला है। इनके पास से मोबाइल, आधार कार्ड, पैनकार्ड, बांग्लादेश का नागरिकता पहचान पत्र, रेलवे टिकट, यूएनएचसीआर का कार्ड, पांच बांग्लादेशी टका, 24 हजार 480 रुपये बरामद किए हैं। पूछताछ के लिए लखनऊ एटीएस मुख्यालय लाई गई किशोरियों को आशा ज्योति केंद्र भेज दिया गया है।
डेढ़ महीने पहले भी गिरफ्तार हुए थे सोना तस्कर
यूपी एटीएस द्वारा बीते दो महीने में रोहिंग्या द्वारा की जा रही मानव तस्करी के मामले में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले एटीएस ने अलीगढ़, बुलंदशहर और मेरठ से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। माना जा रहा है कि मंगलवार को की गई कार्रवाई भी उसी इनपुट के आधार पर की गई है।
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