कचहरी के सरपंच, न्याय मित्र और सचिवों के दो वर्षों से बकाये के भुगतान की मांग
* बकाया भत्ता और मानदेय का भुगतान के लिए डीपीआरओ को दिया ज्ञापन
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सरपंच संघ,बड़हरिया ने गुरुवार को जिला पंचायतीराज पदाधिकारी को ज्ञापन देकर दो वर्षों से बकाये राशि का भुगतान करने की मांग की। गुरुवार को बड़हरिया सरपंच संघ के अध्यक्ष शहाबुद्दीन अंसारी, सचिव गौरीशंकर सिंह,कोषाध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव, सरपंच जाकिर हुसैन, अनवरी खातून आदि ने डीपीआरओ से मिलकर ज्ञापन सौंपा।बड़हरिया प्रखंड की 30 पंचायतों की ग्राम कचहरी के सरपंच , पंच , न्याय मित्र , सचिव का करीब 2 वर्षों से भत्ता और मानदेय बकाया है ।
सरपंच, पंच प्रतिनिधियों का 2 वर्षों से भत्ता नहीं मिला है तथा न्याय मित्र और सचिव को मानदेय भी 2 वर्षों से बकाया है । ग्राम कचहरी के जनप्रतिनिधियों को भत्ता नही मिलने से बिहार सरकार के प्रति काफीआक्रोश व्याप्त है । पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि एमपी, एमएल ए आदि का बिहार सरकार समय पर मानदेय और भत्ता दे देती है । जबकि पंचायत प्रतिनिधियों को समय पर भत्ता और मानदेय क्यो नहीं दे पाती है? बिहार सरकार पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है जो बर्दाश्त नहीं किया जायेेेगा। सरपंच संघ के अनुसार बड़हरिया प्रखण्ड की 30 ग्राम कचहरी के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के बकाया भत्ता और नियोजित कर्मियों के बकाया मानदेय और मकान किरायेदारों के मकान भाड़ा और पूर्व में लिए गए प्रशिक्षण का बकाया, भत्ता एवं अन्य बकाया भत्ता भुगतान 2017 से बिहार सरकार द्वारा नहीं किया गया है । संघ के अनुसार वित्तीय वर्ष 2016-17 में एक वर्ष का वेतन,2019-20 में 7 माह का मानदेय, 2020-21 में 12 माह का मानदेय और 2021- 22 में चार माह का मानदेय यानी कुल मिलाकर 2 वर्ष 11 माह का मानदेय पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बाकी है। ग्राम कचहरी नियोजित कर्मी न्याय मित्र, कचहरी सचिव,पंच, सरपंच आदि अपने बकाये मानदेय के लिए कई बार सरकार से मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया। जिससे पंचायत प्रतिनिधियों में सरकार के प्रति आक्रोश है। मानदेय संबंध में सरपंच संघ के अध्यक्ष शहाबुद्दीन अंसारी ने बताया है कि फरवरी 2019 में 3 दिनों के लिए जो विशेष प्रशिक्षण हुआ था ,उसका वेतन भत्ता भुगतान भी नहीं किया गया। विगत दो वर्षों से उपस्कर हेतु कोई राशि ग्राम कचहरी को उपलब्ध नहीं कराया गया और वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 22 के बजट सत्र के दौरान तत्कालीन पंचायती राज मंत्री एवं वर्तमान पंचायती राज मंत्री सदन में भुगतान करने का आश्वी दिया था। परंतु आज तक भुगतान नहीं किया गया। वही सरपंच सचिव गौरी शंकर सिंह ने कहा कि कुछ मानदेय सरकार से भेजा भी जाता है, उसको भी समय से पंचायती राज पदाधिकारी समय से पंचायत प्रतिनिधि के खाते में नहीं भेज पाते हैं।
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