जिले में 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाएगा विश्व स्तनपान सप्ताह

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• जिला योजना समन्वयक को बनाया गया नोडल अधिकारी
• स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए किया जायेगा प्रचार-प्रसार
• स्वास्थ्य संस्थान में कराया जाएगा स्तनपान कक्ष का निर्माण

श्रीनारद मीडिया‚ पंकज मिश्रा‚ छपरा (बिहार)


छपरा जिले में 1 से 7 अगस्त तक जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंड़ों में स्तनपान के महत्व को जनसाधारण तक पहुंचाने के उद्देश्य से “विश्व स्तनपान सप्ताह” मनाया जाएगा। मालूम हो कि बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास तथा नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने एवं कुपोषण से शिशु को बचाने में स्तनपान के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू करने वाले नवजात शिशुओं में मृत्यु की संभावना 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसके साथ ही पहले छह महीने तक केवल स्तनपान करने वाले शिशुओं में डायरिया एवं निमोनिया से होने वाली मृत्यु की संभावना 11 से 15 गुना तक कम हो जाती है। स्तनपान करने वाले शिशुओं का समुचित ढंग से शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है एवं वयस्क होने पर उसमें असंचारी (एनसीडी) बीमारियों के होने की भी संभावना कम होती है। इसके साथ ही स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन एवं ओवरी कैंसर होने का खतरा भी नहीं होता है।

स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए किया जायेगा प्रचार-प्रसार:
आशा एएनएम एवं आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान अधिक से अधिक माताओं को शिशु के जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान प्रारंभ करने में माँ की सहायता करना तथा गर्भवती, धात्री माताओं को छः माह तक केवल स्तनपान कराये जाने के महत्व को बताया जायेगा। आँगनबाड़ी सेविका एवं आशा अगस्त माह में होने वाले वीएचएसएनडी में सभी दो वर्ष तक के बच्चों की माताओं को निमंत्रित करें तथा उनके द्वारा बताई गई इनफैंट एंड यंग चाइल्ड फिडिंग के अभ्यासों तथा उनके बच्चों के पोषण स्तर में हुए सुधार के आधार पर चिह्नित माताओं की प्रशंसा करें तथा संभव हो तो स्थानीय पंचायती राज संस्थाओं की महिला सदस्यों के द्वारा प्रोत्साहित किया जायेगा।
कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कराएं स्तनपान:
प्रत्येक आशा विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान माँ कार्यक्रम के अनुसार गर्भवती एवं धात्री माताओं के साथ बैठक कर स्तनपान से होने वाले लाभ व स्तनपान के सही तरीके के संबंध में अवश्य चर्चा करेंगी। कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 से संभावित संक्रमित माताओं, संक्रमित माताओं को चिकित्सक से परामर्श लेने हेतु सलाह दें तथा मास्क का प्रयोग एवं हाथों की सफाई इत्यादि कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल को अपनाते हुए स्तनपान कराने को प्रोत्साहन एवं सुझाव दिया जायेगा।

डीपीसी जिला होंगे नोडल अधिकारी :
इस कार्यक्रम में जिला से लेकर प्रखण्ड स्तर तक आईसीडीएस के पदाधिकारियों के साथ ही आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका कि अहम भागीदारी होगी। इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) जिला नोडल अधिकारी के रूप में काम करेंगे। जिला और प्रखण्ड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। कोरोना सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान एक से सात अगस्त तक जिला और प्रखण्ड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान सदर अस्पताल के अलावा जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को दूध की बोतल मुक्त परिसर घोषित किया जाना है। इसके साथ ही विभिन्न अस्पताल के प्रसव केंद्रों पर कार्यरत ममता का स्तनपान से होने वाले लाभ के बारे में उन्मुखीकरण किया जाएगा और प्रसव केंद्र के प्रसव पश्चात वार्ड की इंचार्ज सिस्टर को स्तनपान के लिए उस संस्थान का नोडल पर्सन चुना जाएगा।

स्वास्थ्य संस्थान में कराया जाएगा स्तनपान कक्ष का निर्माण :

प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान में स्तनपान कक्ष का निर्माण कराया जाना है। यह कक्ष उस उस संस्थान के ओपीडी के पास और कंगारू मदर केयर वार्ड के अतिरिक्त होगा । इसके साथ ही विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका घर-घर जाकर गर्भवती और धातृ माताओं को छह महीने तक केवल स्तनपान कराने के महत्व के बारे में बताएगी और प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार और शुक्रवार को वहां आने वाली सभी 2 वर्ष तक की माताओं से सेविका और आशा इस अभियान में उनसे जुड़ने के लिए कहेंगी।

जिला स्तर पर सिविल सर्जन करेंगे अनुश्रवण एवं मूल्यांकन :
विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन जिला स्तर पर सिविल सर्जन, जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारी, आईसीडीएस के अधिकारी के साथ ही प्रखण्ड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी(सीडीपीओ), प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक (बीएचएम), प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरक(बीसीएम) तथा आईसीडीएस की महिला पर्यवेक्षिका करेंगी।

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