नैनो तरल यूरिया का किया गया प्रयोग
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड की सदरपुर पंचायत के महमूदपुर गांव में सहायक तकनीकी प्रबंधक सतीश सिंह,कृषि समन्वयक रामअयोध्या पंडित एवं किसान सलाहकार बच्चालाल प्रसाद की उपस्थिति में किसान दिनेश कुमार शर्मा के धान की फसल में नैनो यूरिया तरल का प्रयोग कराया गया। सहायक तकनीकी प्रबंधक सतीश सिंह ने बताया कि आज हम सब एक फसल वाले खेत में दानेदार बोरी यूरिया व एक फसल वाले खेत में नैनो यूरिया तरल का स्प्रे कर प्रयोग किया गया । फिर कुछ दिनों बाद नैनो यूरिया का प्रयोग धान की फसल पर देखा जायेगा। सहायक तकनीकी प्रबंधक सतीश सिंह ने बताया कि 500 एम.एल नैनो यूरिया तरल दानेदार एक बोरी यूरिया के बराबर काम करता है। 500 एम.एल नैनो यूरिया तरल का प्रयोग एक एकड़ खेत में 120-125 लीटर पानी में मिलाकर किया जाता है।इसका प्रयोग सभी फसल पर आसानी से किया जा सकता है।नैनो यूरिया तरल को पौधे जल्दी और अधिक मात्रा में ग्रहण करते हैं। जिसका प्रभाव पौधों पर जल्द दिखाई देता है।क्योंकि दानेदार बोरी यूरिया को पौधा 30 से 40 प्रतिशत ग्रहण कर पाता है। जबकि नैनो यूरिया तरल को पौधा 80 प्रतिशत ग्रहण कर लेता है। क्योंकि पत्तियो द्वारा भोजन पौधों के हर भाग में पहुंचाया जाता है।जब हम नैनो यूरिया तरल का स्प्रे करते हैं तो वह पौधों के पत्तियो पर रहता है।जो पत्तियों में छिद्र के रास्ते पौधो के हर भाग मे पहुच जाता है।तथा अधिक होने पर उसी मे रहता है।जब पौधो को आवश्यकता होती है तब वह ग्रहण करते रहते हैं।इसका प्रभाव वातावरण जलवायु और मिट्टी पर नही पडता है।वही नैनो यूरिया तरल का स्प्रे कर रहे किसान दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि नैनो यूरिया तरल दानेदार बोरी यूरिया से अच्छा है।मगर इसके स्प्रे के लिऐ पानी और स्प्रे मशीन की जरूरत है।अगर आसपास पानी की व्यवस्था नही है तो किसान भाइयों को बहुत दिक्कत होती है।साथ में पानी भरे खेत मे स्प्रे मशीन पीठ पर लेकर चलने मे दिक्कत होती है।वही कृषि समन्यवक राम अयोध्या पंडित ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभुक सात किसानों का भौतिक सत्यापन किए।तथा किसानों को बताया कि यूरिया 266 रुपये में मिल रहा है।जिसे लेने के लिए आधार कार्ड जरूरी है।
यह भी पढ़े
झारखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त,तीन की अब तक मौत.
चोरी के विवाद में जेठ और जेठानी ने विवाहिता को जमकर पीटा, फिर जहर देकर मार डाला.
केरल में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के पीछे क्या है बड़ा कारण?