पूर्वी लद्दाख के गोगरा इलाके से पीछे हटा चीन, सभी ढांचे भी गिराए.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारतीय सेना ने शुक्रवार को कहा कि चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख के गोगरा इलाके से पीछे हट गए हैं। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत में हुए समझौते के अनुसार भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के गोगरा क्षेत्र में सेनाओं की वापसी पर सहमत हुए थे। इस समझौते के अनुसार भारत-चीन ने चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से पीपी-17 में अग्रिम तैनाती बंद कर दी है। सैनिकों के वापसी की प्रक्रिया 4 से 5 अगस्त के दौरान हुई। मौजूदा वक्त में दोनों देशों की सेनाओं के जवान अपने-अपने स्थायी ठिकानों में हैं।
भारतीय सेना ने आगे कहा कि पूर्वी लद्दाख के गोगरा में वापसी की प्रक्रिया में दोनों सेनाओं द्वारा सभी अस्थायी एवं अन्य बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया गया। यही नहीं इस प्रकिया को मुकम्मल तौर पर पारस्परिक रूप से सत्यापित भी किया गया। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में यह भी बताया कि गतिरोध से पूर्व की स्थिति के लिए दोनों पक्षों द्वारा क्षेत्र में लैंडफॉर्म को बहाल कर दिया गया है। यह समझौता सुनिश्चित करता है कि इस क्षेत्र में कायम एलएसी का कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाना चाहिए। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि यथास्थिति में किसी भी प्रकार का एकतरफा बदलाव स्वीकार्य नहीं होगा…
भारतीय सेना ने कहा कि इस समझौते के चलते आमने-सामने के एक और संवेदनशील क्षेत्र का समाधान हो गया है। दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे बढ़ाने और पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के साथ बाकी मसलों को हल करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। भारतीय सेना ITBP के साथ देश की संप्रभुता सुनिश्चित करने और पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सेना ने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं की ओर से PP-17 में समन्वित और सत्यापित तरीके से फॉरवर्ड तैनाती पूरी तरह बंद कर दी गई है।
गौरतलब है कि भारत ने पहले ही कहा था कि एलएसी के सरहदी इलाकों में यथास्थिति में किसी भी प्रकार का एकतरफा बदलाव स्वीकार्य नहीं होगा… हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई सैन्य स्तर की 12वें दौर की बातचीत में भारत ने चीन से साफतौर पर कह दिया कि वह पूर्वी लद्दाख के हाट स्प्रिंग, गोगरा और अन्य टकराव के बिंदुओं से अपने सैनिकों और हथियारों को तुरंत हटाए। भारत लगातार इस पर जोर देता रहा है कि दोनों देशों के बीच द्वीपक्षीय और सामान्य संबंधों की बहाली के लिए देपसांग, हाट स्प्रिंग और गोगरा समेत सभी मुद्दों का समाधान जरूरी है।
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