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Patna: रघुनाथपुर रेफरल अस्पताल में जलजमाव मामले में हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर अब 10 अगस्त को होगी सुनवाई

Patna: रघुनाथपुर रेफरल अस्पताल में जलजमाव मामले में हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर अब 10 अगस्त को होगी सुनवाई

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श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, पटना (बिहार)

सीवान जिले के रघुनाथपुर रेफरल अस्पताल को जलजमाव से स्थायी निदान हेतु पटना उच्चन्यायालय में CWJC-8788/2020 जनहित याचिका रघुनाथपुर निवासी अखिलेश कुमार पांडेय उर्फ झम्पू पाण्डेय के द्वारा दायर किया गया है। जिसमें 12 जुलाई 2021 को माननीय मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की थी। जिसके बाद माननीय न्यायालय ने जिलाधिकारी सीवान को निर्देश दिया था कि स्थल का निरीक्षण कर अतिक्रमण हटाना सुनिश्चित करें। माननीय न्यायालय ने कहा है कि कार्यपालक अभियंता भवन खंड सीवान द्वारा अपने निरीक्षण नोट 10 फरवरी 2020 के द्वारा माना गया है कि नाले पर अतिक्रमण के कारण जलजमाव हो रहा है। जिसके बाद न्यायालय ने कहा कि अतिक्रमण के कारण जलजमाव रोगियों को अस्पताल में इलाज कराने से रोक रहा है। इस प्रकार इस तरह के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। जिसके बाद एक बार फिर से इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 10 अगस्त 2021 निर्धारित हुई है।

बताते चले कि रघुनाथपुर बाजार के एक मात्र मुख्य नाले को स्थानीय लोगो ने अतिक्रमण कर अवैध कब्जा कर लिया है, जिसकारण बरसात का पानी नही निकलता है। बरसात के दिनों में रेफरल अस्पताल रघुनाथपुर में तीन से चार महीनों तक कमर भर यानी तीन से चार फीट तक जलजमाव रहता है।जिससे मरीजो से लेकर अस्पताल के कर्मियों को भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस जलजमाव की शिकायत स्थानीय स्तर के प्रशासन से की गई। शिकायत के बावजूद स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन अतिक्रमणकारियों से सरकारी नाले की जमीन को मुक्त कराने में असफल रहा है।

‘श्रीनारद मीडिया’ द्वारा बारम्बार प्रकाशित रेफरल अस्पताल में जलजमाव की खबर से प्रभावित होकर रघुनाथपुर निवासी एवं इंटक के प्रदेश सचिव अखिलेश पाण्डेय ने जिलाधिकारी सीवान, सिविल सर्जन सीवान, परिवार कल्याण व स्वास्थ्य मंत्रालय बिहार एवं मुख्यमंत्री बिहार को ज्ञापन देकर जर्जर अस्पताल भवन के निर्माण के साथ ही अस्पताल को जलजमाव से स्थायी निदान दिलाने का प्रयास किया था। अपने प्रयास पर कही सुनवाई ना होते देख पाण्डेय ने कोर्ट का शरण लिया।

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