अगर ये ओलिंपिक खिलाड़ी, अपने रिकॉर्ड पर भी कायम रहते तो पदक था पक्का.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
टोक्यो ओलिंपिक 2020 का सफर पूरा हुआ। विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के बीच होने वाले इस मुकाबले में भारत 48वें स्थान पर रहा। इसमें एक गोल्ड, दो रजत और चार कांस्य पदक आए। ओलिंपिक का यह मुकाबला कई मायनों में खास भी रहा, जिसमें खिलाड़ियों ने पदक जीतकर और अपने प्रदर्शन से कई तरह के रिकॉर्ड भी बनाए। मेरठ की बात करें तो यह पहली बार हुआ, जब मेरठ और आसपास से आठ खिलाड़ियों ने ओलिंपिक में प्रतिभाग किया। पदक पाने के लिए जी जान भी लगाया। इसमें कुछ खिलाड़ियों ने टोक्यो में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी किया। कुछ खिलाड़ी अपने पुराने प्रदर्शन से भी चूक गए। उनके पूर्व प्रदर्शन को देखकर पदक की उम्मीद लगाए खेल प्रेमियों में थोड़ी मायूसी भी हुई।
ओलिंपिक में कुछ खेलों में विश्व के जिन खिलाड़ियों ने पदक जीता, उनके प्रदर्शन के बराबर मेरठ के कई खिलाड़ी पहले प्रदर्शन कर चुके थे। खासकर 20 किलोमीटर पैदल चाल को एक घंटा 29 मिनट 12 सेकेंड में पूरा करने वाली इटली के खिलाड़ी को स्वर्ण पदक मिला। एक घंटे 29 मिनट 37 सेकेंड से लेकर एक घंटे 29 मिनट 57 सेकेंड में पैदल चाल को पूरी करने वाली महिलाओं का क्रमश: रजत और कांस्य पदक मिला।
मेरठ के पैदल चाल खिलाड़ी प्रियंका अपने नेशनल और सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड में इससे आगे पहुंच चुकी थीं। अगर प्रियंका अपने रिकार्ड के बराबर ही समय लेती तो इस स्पर्धा में भारत के पास गोल्ड होता। ऐसे ही सीमा पुनिया, अन्नू रानी आदि खिलाड़ी भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बरकरार नहीं रख पाए। हालांकि, टोक्यो में हार के बाद महिला हाकी टीम की वंदना कटारिया ने अपने हैट्रिक गोल से हलचल मचाया, बाक्सर सतीश चोटिल होने के बाद भी प्रतिद्धंदी को पंच मारते रहे। इससे वह हारकर भी खेलप्रेमियों के दिल को जीतने में कामयाब रहे।
ओलिंपिक में मेरठ के खिलाड़ियों के अपने पूर्व प्रदर्शन को कायम न रख पाने की अलग- अलग वजह हो सकती है। जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव अन्नू कुमार की माने तो ओलिंपिक में सर्वश्रेष्ठ से भी सर्वश्रेष्ठ देने की जरूरत होती है। जिसका दबाव हर खिलाड़ी पर होता है। फिर भी मेरठ के खिलाड़ियों का प्रदर्शन यादगार रहेगा। इससे अन्य खिलाड़ियों का मार्गदर्शन होगा।
मेरठ मंडल से टोक्यो ओलिंपिक में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों का प्रदर्शन
मेराज अहमद
स्कीट शूटिंग
रियो ओलिंपिक में: एक अंक से फाइनल में जाने से चूके थे।
ओलिंपिक में प्रदर्शन: 117 अंक, क्वालीफाइंग राउंड 25 वां स्थान।
सतीश कुमार
मुक्केबाजी, हेवीवेट (91 किग्रा)
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: कामनवेल्थ गेम्स 2018 में रजत
ओलिंपिक में प्रदर्शन: क्वार्टर फाइनल के आखिरी राउंड में 0.5 से हारे। चोटिल के बाद भी जूझते रहे।
अरविंद कुमार
रोइंग डबल्स
वर्ल्ड रोइंग चैंपियनशिप में: 13 वां स्थान
ओलिंपिक में प्रदर्शन: 6 मिनट, 24.41 सेकेंड। छठे स्थान पर। फाइनल में नहीं जा पाए।
वंदना कटारिया
महिला हॉकी
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: जर्मनी में जूनियर महिला विश्व कप में कांस्य, जिसमें पांच गोल किए थे।
ओलिंपिक में: ओलिंपिक में हैट्रिक लगाने वाली पहली महिला खिलाड़ी।
सीमा अंतिल
डिस्कस थ्रो
स्वयं का सर्वश्रेष्ठ: 63.72 मीटर
ओलिंपिक में प्रदर्शन: 60.57 मीटर
टोक्यो में कांस्य पदक विजेता का प्रदर्शन: 65.72 मीटर
अन्नू रानी
जेवलिन थ्रो
नेशनल रिकॉर्ड: 63.24 मीटर
ओलिंपिक में प्रदर्शन: 54.04 मीटर
टोक्यो में कांस्य पदक विजेता का प्रदर्शन: 64.56 मीटर
प्रियंका गोस्वामी
20 किलोमीटर पैदल चाल
नेशनल रिकॉर्ड: 1.28. 45 घंटे
ओलिंपिक में: 1. 32. 36 घंटे
टोक्यो में स्वर्ण पदक विजेता का प्रदर्शन: 1. 29.12 घंटे
सौरभ चौधरी
10 मीटर एयर पिस्टल
ओलिंपिक के क्वालीफाइंग राउंड में 586 अंक के साथ टॉप स्कोरर
ओलिंपिक के फाइनल में प्रदर्शन- 98.6 अंक का स्कोर सातवें स्थान पर
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