एनसीईआरटी की हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक का समीक्षक बनकर डॉ. सुमन ने नाम रौशन किया
श्रीनारद मीडिया‚ एम सावर्ण‚ भगवानपुर हाट‚ सीवान (बिहार)
सीवान जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड के बीआरपी डॉ. सुमन कुमार सिंह ने एनसीईआरटी की हिन्दी की पाठ्यपुस्तक रिमझिम-1 के समीक्षक बनकर जिले का नाम रौशन किया है। पूरे देश में पढ़ाई जाने वाली हिन्दी पाठ्य-पुस्तकों की श्रृंखला रिमझिम का निर्माण एनसीईआरटी द्वारा वर्ष 2006 में किया गया था। पन्द्रह वर्षों के बाद इसकी समीक्षा की जा रही है। इसकी समीक्षा के लिए देश के मात्र पांच लोगों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है, जिनमें सीवान जिले के रहने वाले शिक्षक डॉ. सुमन कुमार सिंह शामिल हैं। पहले चरण में डॉ. सिंह ने विषय विशेषज्ञ के रूप में कक्षा-1 की हिन्दी पाठ्य-पुस्तक रिमझिम-1 की समीक्षा की थी। दूसरे चरण में देश भर के शिक्षकों से प्राप्त फीडबैक की समीक्षा और अपनी अनुशंसा के साथ परिषद को प्रतिवेदन सौंपने की जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए उन्होंने 67 पृष्ठों का प्रतिवेदन एनसीईआरटी नई दिल्ली को सौंपा है। डॉ. सुमन बिहार की प्राथमिक कक्षाओं की हिन्दी पाठ्य-पुस्तकों ज विकास से जुड़े रहे हैं। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा किए गए अपनी हिन्दी के पुस्तकों में संशोधन-परिमार्जन में डॉ. सुमन ने विषय विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवा दी थी। अबतक एनसीईआरटी पब्लिकेशन से डॉ. सुमन की ट्रेनिंग पैकेज का हिन्दी अनुवाद शिक्षकों के लिए कला समेकित अधिगम के हैंडबुक आदि का प्रकाशन हो चुका है। वे प्रखंड के उत्क्रमित हाई स्कूल कौड़िया वसंती के शिक्षक सह बीआरपी डॉ. सुमन कुमार सिंह के रूप में कार्यरत हैं । फिलहाल वे बिहार के बच्चों के लिए ई-कंटेंट का विकास कर रहे हैं। यह बच्चों के लिए दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा।
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